नई दिल्ली. कांग्रेस लोकसभा चुनाव 2024 में अपने इतिहास में सबसे कम सीट पर चुनाव लड़ सकती है. पार्टी को यह समझौता इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटकदलों के साथ गठबंधन की वजह से करना पड़ेगा. क्योंकि पार्टी कई राज्यों में इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. वर्ष 2019 में पार्टी ने 421 सीट पर चुनाव लड़ा था.
पार्टी ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी संग जबकि आम आदमी पार्टी के साथ दिल्ली, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में गठबंधन किया है. पार्टी ने पिछले चुनाव में इन राज्यों में अधिकतर सीट पर अकेले चुनाव लड़ा था. वहीं, पार्टी ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन के विकल्प खुले रखे हैं, बंगाल में समझौता होता है, तो कांग्रेस की सीट की संख्या और कम हो सकती है.
स्ट्राइक रेट बढ़ने का भरोसा कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ने से ज्यादा अहम जीत है. यही वजह है कि पार्टी इंडिया गठबंधन के घटकदलों के साथ समझौता करने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है. महाराष्ट्र में पार्टी शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. पार्टी रणनीतिकार मानते हैं कि कांग्रेस को गठबंधन का फायदा मिल सकता है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पार्टी 300 या उसके आसपास सीट पर चुनाव लड़ सकती है. पार्टी को भरोसा है कि कम सीट पर लड़ने के बावजूद उसका स्ट्राइक रेट बढ़ेगा. यानी इस बार कांग्रेस को ज्यादा सीट मिलने की उम्मीद है. आम चुनाव में कांग्रेस को कर्नाटक और तेलंगाना में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है.






