
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शक्ति वाले बयान को लेकर उठे विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनकी बातों का अर्थ बदलकर पेश करने का आरोप लगाया है. राहुल गांधी ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, प्रधानमंत्री को उनकी बातें अच्छी नहीं लगतीं. किसी न किसी तरह उन्हें घुमाकर वह उनका अर्थ बदलने की कोशिश करते हैँ, क्योंकि वह जानते हैं कि उन्होंने सच बोला है.
राहुल ने कहा कि उन्होंने जिस शक्ति का उल्लेख किया है, उसका मुखौटा खुद प्रधानमंत्री हैं. वह एक ऐसी शक्ति हैं, जिसने भारत की आवाज, संस्थाओं, सीबीआई, आयकर विभाग, ईडी, चुनाव आयोग, उद्योग जगत और समूचे संवैधानिक ढांचे को ही अपने चंगुल में दबोच लिया है. उन्होंने दावा किया कि उसी शक्ति के लिए प्रधानमंत्री बैंकों से हजारों करोड़ के कर्ज माफ कराते हैं, जबकि भारत का किसान कुछ हजार रुपयों का कर्ज न चुका पाने पर आत्महत्या करता है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वह उस शक्ति को पहचानते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उस शक्ति को पहचानते हैं. वह किसी प्रकार की कोई धार्मिक शक्ति नहीं है. वह अधर्म, भ्रष्टाचार और असत्य की शक्ति है. इसलिए, वह जब-जब इसके खिलाफ आवाज उठाते हैं, प्रधानमंत्री और उनकी झूठों की मशीन बौखलाती है. भड़क जाती है और उनके बयान का अर्थ बदलकर पेश कर दिया जाता है.
न्याय यात्रा के समापन पर यह कहा था राहुल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को मुंबई के शिवाजी पार्क में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन पर आयोजित रैली में कहा था कि हिन्दू धर्म में शक्ति शब्द होता है. हम शक्ति से लड़ रहे हैं, एक शक्ति से लड़ रहे हैं.
राहुल गांधी ने कहा, सवाल उठता है कि वह शक्ति क्या है? जैसे किसी ने यहां कहा कि राजा की आत्मा ईवीएम में है. यह सही है राजा की आत्मा हिन्दुस्तान की हर संस्था में है. ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग में है.