
आरा. भोजपुरी के स्टार व भाजपा नेता पवन सिंह ने बुधवार को काराकाट लोकसभा क्षेत्र के चुनावी अखाड़े में उतरने की घोषणा कर इस इलाके की सियासी हलचल एकाएक बढ़ा दी है. बिहार में एनडीए की ओर से पहले ही सभी सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा होने के बाद पवन सिंह की आखिरी उम्मीद यूपी की बलिया सीट पर टिकी थी.
बुधवार को बलिया सीट पर जैसे ही भाजपा ने पूर्व पीएम चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर के नाम की सूची जारी की, कुछ ही देर बाद पवन सिंह ने अपने एक्स पर काराकाट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी. काराकाट में भाजपा खुद चुनाव नहीं लड़ रही है, बल्कि यहां से एनडीए के घटक दल रालोमो के उपेन्द्र कुशवाहा मैदान में हैं. पवन सिंह के मैदान में उतरने की घोषणा से एनडीए के समक्ष थोड़ी परेशानी जैसी स्थिति खड़ी हो सकती है. काराकाट क्षेत्र में हुए पिछले तीनों चुनावों में कुशवाहा उम्मीदवार ही सांसद चुने जाते रहे हैं. इसके पहले के संसदीय क्षेत्र बिक्रमगंज में आखिरी बार 2007 में उपचुनाव हुआ था, जिसमें स्वर्गीय अजीत सिंह की पत्नी मीना सिंह सांसद चुनी गयी थीं. इस तरह इस इलाके में मीना सिंह आखिरी राजपूत सांसद रही हैं.
नये परिसीमन के बाद काराकाट में कुशवंशी मतदाताओं की संख्या में अपेक्षाकृत वृद्धि होने के बाद भी सांसद चुने जाने में रघुवंशी (राजपूत) मतदाताओं की अहम भूमिका रही है. इस बार भी एनडीए व इंडिया महागठबंधन ने कुशवंशी उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है. एनडीए ने रालोमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और इंडिया ने भाकपा माले के पूर्व विधायक राजाराम सिंह को यहां के चुनावी अखाड़े में उतारने की घोषणा की है.
पवन सिंह को वहां अपने ग्लैमर व्यक्तित्व के अलावा अपनी जाति के मतदाताओं से आस है. यही वजह है कि उन्होंने आरा के बदले काराकाट से उतरने की घोषणा की है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि वे बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या किसी दल के टिकट या समर्थन से चुनावी मैदान में उतरेंगे.
पवन सिंह के समर्थक बताते हैं कि आरा में उन्हें स्पेस नहीं दिख रहा था. ऐसे में उन्हें काराकाट को सही माना. बिक्रमगंज के धावां गांव निवासी युवा आनंद मोहन सिंह कहते हैं कि युवाओं का रुझान पवन सिंह की ओर दिख सकता है. चुनाव लड़ने की घोषणा सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से ट्रेंड कर रहा है. हालांकि यहां आखिरी चरण में एक जून को मतदान होना है. ऐसे में पवन सिंह अंतिम समय तक कितना प्रभावी रहेंगे, अभी स्पष्ट तौर पर कहना मुश्किल है.
वैसे पवन सिंह की काराकाट इलाके में कोई विशेष सामाजिक या राजनीतिक गतिविधि नहीं रही है. वे आरा जिला मुख्यालय या अपने गांव भोजपुर के बड़हरा प्रखंड के जोकहरी ही आते-जाते रहे हैं.
एक्स पर पोस्ट किया ‘माता गुरुतरा भूमेरू’
एक्स पर अपनी पोस्ट में पवन सिंह ने कहा कि ‘माता गुरुतरा भूमेरू’ अर्थात माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती है. मैंने अपनी मां से वादा किया था कि मैं इस बार चुनाव लड़ूंगा. मैंने निश्चय किया है कि मैं 2024 का लोकसभा चुनाव काराकाट, बिहार से लड़ूंगा. हालांकि, भोजपुर जिले के जोकहरी गांव (बड़हरा विधानसभा) के मूल निवासी पवन सिंह ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वे निर्दलीय या किसी राजनीतिक दल के बैनर तले चुनाव लड़ेंगे. गौरतलब है कि काराकाट सीट एनडीए के घटक दल रालोमो को मिली है.