
नई दिल्ली. पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को गुजरात की पोरबंदर सीट पर कांग्रेस के प्रमुख नेता ललित बसोया से कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है. हालांकि पोरबंदर के कांग्रेस के प्रमुख नेता रहे अर्जुन मोढवाडिया भाजपा में शामिल हो गए हैं. इससे समीकरण भाजपा के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं. भाजपा ने यहां पर अपने मौजूदा सांसद रमेश भाई लवजी भाई धांधुक का टिकट काटकर मनसुख मंडाविया को उतारा है.
गुजरात भाजपा का गढ़ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य होने से यहां पर भाजपा निश्चिंत रहती है. बीते दो लोकसभा चुनाव से उसने राज्य की सभी 26 सीटों पर जीत दर्ज की है. बीते दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में भी उसने बड़ी जीत दर्ज कर प्रमुख विरोधी कांग्रेस को साफ कर दिया कि फिलहाल उसके लिए वापसी का कोई रास्ता नहीं है. राज्य में अपनी जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने वाली आम आदमी पार्टी भी प्रभाव नहीं छोड़ पाई.
पोरबंदर भाजपा का गढ़ बना पोरबंदर देश के इतिहास में महात्मा गांधी से जुड़ा होने के कारण विख्यात है. कभी यह कांग्रेस का गढ़ था, लेकिन अब भाजपा का गढ़ बन गया है. यहां के कांग्रेस के बड़े नेता अर्जुन मोढवाडिया के भाजपा में आने के बाद भाजपा के लिए यहां की सीट ज्यादा आसान दिख रही है. हालांकि मनसुख मंडाविया का पहला लोकसभा चुनाव होने और सामने कांग्रेस के यहां से सक्रिय नेता ललित बसोया के होने से मुश्किलें भी है. मंडाविया का अधिकतर दारोमदार मोदी लहर पर ही टिका है.
2012 में राज्यसभा सदस्य बने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद माने जाने वाले मंडाविया को साल 2012 में राज्यसभा में भेजा गया.
केंद्र में मोदी सरकार बनने पर वह 2016 में बतौर राज्यमंत्री सरकार में शामिल हुए. तब से लगातार मंत्री हैं. उन्हें 2021 में पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया और स्वास्थ्य जैसा अहम मंत्रालय सौंपा गया. चूंकि पार्टी ने इस लोकसभा चुनाव में दो बार राज्ससभा सांसद रह चुके कई नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ाने का फैसला किया है तो मंडाविया भी लोकसभा की जंग में उतरे हैं.
मंत्री बनने के बाद शपथ ग्रहण करते ही अपने दफ्तर साइकिल पर जाने के कारण भी मनसुख मंडाविया काफी चर्चा में रहे हैं.
आयु 51 वर्ष,
शक्षा एमए, पीएचडी
परिवार नीताबेन मंडाविया,
बच्चे पवन, दिशा
- मंत्री बनने के बाद साइकिल से दफ्तर जाने के कारण चर्चा में रहे
गुजरात विधानसभा के सबसे कम उम्र के सदस्य बने
मंडाविया भाजपा के उन नेताओं में हैं जो युवा अवस्था में ही काफी आगे बढ़ गए. वह 2002 में पहली बार विधायक बने थे तो गुजरात विधानसभा के सबसे युवा विधायक थे. किसान परिवार और ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले मंडाविया ने अपनी राजनीतिक यात्रा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से शुरू की थी. बाद में वह युवा मोर्चा में रहे और 2013 में गुजरात भाजपा के प्रदेश सचिव भी रहे. 2010 में उनको गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष बनाया गया.






