
कांग्रेस ने अमेठी लोकसभा सीट से अब तक अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है. चर्चा है कि वायनाड लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को वोटिंग के बाद अमेठी पर कांग्रेस फैसला कर सकती है. ऐसा इसलिए ताकि वायनाड पर फोकस करने के बाद कांग्रेस की टीम अमेठी पर जुट जाए. एक साथ दो मोर्चों पर डटने से कांग्रेस बचना चाहती है. इस बीच स्मृति इरानी ने राहुल गांधी और उनके जीजा रॉबर्ट वाड्रा पर तंज कसा है. स्मृति इरानी ने कहा कि मैंने अमेठी में 5 सालों में ही इतना काम किया है, जितना राहुल गांधी 15 साल में नहीं कर सके थे. स्मृति इरानी ने अमेठी से राहुल गांधी को बेदखल करते हुए 2019 में जीत हासिल कर ली थी.
अमेठी लोकसभा सीट पर 20 मई को मतदान होना है. वहीं रॉबर्ट वाड्रा भी अमेठी लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी ठोक चुके हैं. उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि अमेठी के लोग चाहते हैं कि मैं उनका प्रतिनिधित्व करूं. मुझे बड़ी संख्या में लोगों के फोन आते हैं. मैं राहुल गांधी के लिए चुनाव प्रचार करने अमेठी जाता भी रहा हूं. उनके इसी बयान पर स्मृति इरानी ने तंज कसा है. उन्होंने अमेठी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘जीजा जी की नजर है. साले साहब क्या करेंगे. एक समय था, जब लोगों बसों में सफर करते थे तो सीट पर रुमाल रख देते थे ताकि कोई और न बैठ जाए. राहुल गांधी को भी आकर रुमाल रखना होगा क्योंकि उनके जीजा जी की भी सीट पर नजर है.’
यही नहीं कांग्रेस की ओर से कैंडिडेट न घोषित करने पर भी स्मृति इरानी ने निशाना साधा. इरानी ने कहा, ‘क्या ऐसा कभी हुआ है? चुनाव में अब बस 27 दिन का वक्त बाकी है, लेकिन कांग्रेस ने अपना कैंडिडेट नहीं उतारा है. ऐसा अहंकार है. इन्होंने जो 15 सालों में किया था, मैंने उससे ज्यादा काम 5 साल में ही किया है.’ बता दें कि 2019 में चुनाव हारने से पहले राहुल गांधी यहां से लगातार तीन बार सांसद रहे थे. उनसे पहले यह सीट सोनिया गांधी, राजीव गांधी और संजय गांधी को लोकसभा भेज चुकी है. अमेठी को गांधी परिवार विरासत वाली सीट के तौर पर देखता रहा है. ऐसे में अमेठी से राहुल का हारना बड़ी खबर बना था.
राहुल गांधी पिछली बार की तरह ही केरल की वायनाड सीट से भी लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. उनसे पिछले दिनों पूछा गया कि वह अमेठी पर क्या फैसले लेंगे. इस पर राहुल गांधी ने कहा था कि पार्टी जो भी तय करेगी, मैं उसे स्वीकार करूंगा. बता दें कि रॉबर्ट वाड्रा ने कहा था कि अमेठी के लोग मानते हैं कि उन्होंने स्मृति जी को चुनकर गलती की है. वे चाहते हैं कि गलती को सुधारा जाए और मैं लड़ा तो बड़ी अंतर से जीत दिलाना चाहेंगे. बता दें कि अमेठी में 3 मई को नामांकन की आखिरी तारीख है, जबकि वायनाड में 26 अप्रैल को वोटिंग है. इससे साफ है कि वायनाड के बाद ही अमेठी में उम्मीदवार का ऐलान किया जाएगा.






