
खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब डे का प्रमुख अमृतपाल सिंह का नॉमिनेशन चुनाव आयोग (EC) ने बुधवार को स्वीकार कर लिया है. इस समय अमृतपाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है. वह पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहा है. पंजाब में एक जून को आखिरी यानी कि सातवें चरण में मतदान होने हैं.
खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) समेत कई गंभीर आरोप हैं. उसे पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और सुरक्षा चिंताओं के चलते असम की जेल में बंद किया. पंजाब पुलिस से कई दिनों तक बचने के बाद उसे पिछले साल 23 अप्रैल को मोगा जिले से अरेस्ट किया गया था.
कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह ने अपने वकील के माध्यम से पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में एक सिविल रिट याचिका दायर कर पैरोल की मांग की थी. उसके वकील, राजविंदर सिंह बैंस ने कहा था कि जेल अधीक्षक और अन्य अधिकारियों का सहयोग महत्वपूर्ण है क्योंकि अमृतपाल जेल से चुनाव लड़ रहा है. इसलिए, हमने किसी भी बाधा को रोकने के लिए यह याचिका दायर की. हमने उसके लिए पैरोल की मांग की है ताकि सभी औपचारिकताएं आसानी से पूरी की जा सकें. उन्होंने आगे कहा, “हालांकि, मुझे पता चला है कि अधीक्षक ने जेल में अमृतपाल से नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर करवाए हैं.”
अमृतपाल सिंह ने अपने चुनावी हलफनामे मे 1,000 रुपये की संपत्ति घोषित की है. सिंह ने गुरुवार को असम की डिब्रूगढ़ जेल में अपना नामांकन पत्र भरा था. उसके चुनावी हलफनामे के अनुसार, सिंह के पास अमृतसर में एसबीआई शाखा, रय्या, बाबा बकाला में 1,000 रुपये का बैंक बैलेंस है. उसके हलफनामे के मुताबिक, इसके अलावा सिंह के पास कोई चल या अचल संपत्ति नहीं है. उसकी पत्नी किरणदीप कौर के पास 18.37 लाख रुपये की चल संपत्ति है. इसमें 20,000 रुपये नकद, 14 लाख रुपये के सोने के आभूषण और 4,17,440 रुपये के बराबर 4,000 जीबीपी (पाउंड) शामिल हैं, जो रेवोल्यूट लिमिटेड, लंदन, यूके में खाते में हैं. सिंह को माता-पिता पर निर्भर दिखाया गया है जबकि उसकी पत्नी ब्रिटिश नागरिक हैं. हलफनामे के अनुसार, वह पहले यूके में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं में भाषा दुभाषिया के रूप में काम करती थीं, लेकिन अब एक गृहिणी हैं.






