
गाजियाबाद/अलीगढ़. अलीगढ़ के केंद्रीय जीएसटी कार्यालय से 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार दो सुपरिटेंडेंट समेत चार अधिकारियों को विशेष अदालत ने शुक्रवार को जेल भेज दिया. चारों आरोपियों पर एलआईसी एजेंट से डिमांड नोटिस के निस्तारण के लिए रिश्वत लेने का आरोप है.
एलआईसी एजेंट राकेश चंद्र पांडे द्वारा सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में शिकायत की गई थी. इसमें बताया था कि उनके पंजीकृत फर्म से संबंधित जारी 1.30 लाख रुपये के डिमांड नोटिस के निस्तारण के बदले 30 हजार रुपये रिश्वत मांगी गई थी. बाद में मामला 25 हजार में तय हुआ.
आरोपियों में सुपरिटेंडेंट केपी सिंह, रोहित कुमार, इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार और टैक्स असिस्टेंट संचित चौहान शामिल हैं. सीबीआई की टीम ने एलआईसी एजेंट को रकम लेकर अधिकारी, कर्मचारी की बताई जगह पर भेज दिया. संचित चौहान रकम लेकर आया था. संचित ने एजेंट को अधीक्षक और इंस्पेक्टर के पास रकम देने भेजा था. सीबीआई की टीम ने आरोपियों के घर पर भी छापेमारी की. शुक्रवार को उन्हें सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया. विशेष न्यायाधीश परमेंद्र कुमार की अदालत ने रिश्वत के गंभीर मामले में शामिल सभी चार जीएसटी अधिकारियों को जेल भेजने का आदेश दिया.
फोन और व्हाट्सऐप पर बात करना भारी पड़ा
चारों अफसरों के लिए कॉल रिकॉर्डिंग और व्हाट्सऐप चैट सीजीएसटी के अफसरों के गले की फांस बन गई. कॉल रिकॉर्डिंग के साथ एटा के एलआईसी एजेंट ने सीबीआई में शिकायत की थी. उन्होंने कुछ और विभागीय अफसरों को भी ऑनलाइन भुगतान का मैसेज किया था, लेकिन जवाब नहीं मिला. ऐसे अफसरों को सीबीआई साथ लेकर नहीं गई. एजेंट के नंबरों पर फोन आने, चैट और रिश्वत लेने में जिन अफसरों की भूमिका थी उनको गिरफ्तार किया गया.






