
दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में सरस्वती विहार हत्याकांड के मामले में पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी ठहराया है। 18 फरवरी 2025 को कोर्ट उनकी सजा पर अंतिम फैसला सुनाएगा। इससे पहले, 31 जनवरी को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
क्या है पूरा मामला?
- 1 नवंबर 1984: पश्चिमी दिल्ली के राज नगर इलाके में सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुणदीप सिंह की हत्या कर दी गई थी।
- शाम 4:30 बजे: दंगाइयों की भीड़ ने लोहे की सरियों और लाठियों से हमला किया।
- शिकायतकर्ताओं के अनुसार: भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे, जो उस समय कांग्रेस के सांसद थे।
- आरोप: सज्जन कुमार ने भीड़ को हमले के लिए उकसाया, जिसके बाद पीड़ितों को जिंदा जला दिया गया, घर लूट लिया और आग लगा दी गई।
- FIR दर्ज: रंगनाथ मिश्रा आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सरस्वती विहार थाने में मामला दर्ज किया गया।
कोर्ट में क्या हुआ?
- 16 दिसंबर 2021: पुलिस जांच के बाद कोर्ट ने सज्जन कुमार पर आरोप तय किए।
- 12 फरवरी 2025: कोर्ट ने कहा कि सज्जन कुमार केवल भीड़ का हिस्सा नहीं थे, बल्कि वे उसका नेतृत्व कर रहे थे।
तीन बार टल चुका है फैसला
- 8 जनवरी 2024
- 16 दिसंबर 2024
- 31 जनवरी 2025
हर बार फैसला टाल दिया गया, लेकिन अब 18 फरवरी को सज्जन कुमार की सजा का ऐलान होगा।