
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में CAG (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की 14 लंबित रिपोर्ट पेश की। इन रिपोर्टों में पिछली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के कार्यों का मूल्यांकन किया गया है।
विपक्षी हंगामा और विधायकों का निलंबन
जब ये रिपोर्ट पेश की गई, तो AAP विधायकों ने जमकर हंगामा किया। यहां तक कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के अभिभाषण के दौरान भी हंगामा जारी रहा। इस हंगामे के चलते विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने नेता विपक्ष आतिशी सहित 12 AAP विधायकों को दिनभर के लिए निलंबित कर दिया।
CAG रिपोर्ट क्यों महत्वपूर्ण है?
CAG रिपोर्ट किसी भी सरकार के वित्तीय लेन-देन और नीतियों की पारदर्शिता को परखने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इसे विधानसभा में पेश करना संवैधानिक रूप से अनिवार्य है, ताकि जनता के पैसे का सही उपयोग हुआ है या नहीं, यह सुनिश्चित किया जा सके।
AAP सरकार पर बढ़ा दबाव
इन रिपोर्ट्स के पेश होने से AAP सरकार पर दबाव और बढ़ सकता है। भाजपा पहले से ही शराब नीति घोटाला और शीश महल जैसे मामलों को लेकर AAP को घेरती रही है।
भाजपा का दावा है कि CAG की रिपोर्ट AAP सरकार के कथित भ्रष्टाचार की पोल खोल सकती है। इससे जनता में AAP की छवि पर असर पड़ सकता है और आगामी चुनावों में भाजपा को फायदा मिल सकता है।