
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के पहले, राजनीतिक दलों के बीच जाति और समुदाय के मुद्दों पर तीखी बहस छिड़ गई है। हालिया विवादों में जाट आरक्षण, पूर्वांचल के लोगों का अपमान, और अब पंजाबी समुदाय के मुद्दे शामिल हैं।
बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच टकराव
नई दिल्ली सीट से बीजेपी के उम्मीदवार प्रवेश वर्मा द्वारा उठाए गए आरोपों से यह विवाद शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की मशीनरी का दुरुपयोग हो रहा है, जिसका जिक्र करते हुए उन्होंने यह दावा किया कि दिल्ली में बड़ी संख्या में पंजाब के नंबर की गाड़ियां चल रही हैं। इसको उन्होंने 26 जनवरी की सुरक्षा व्यवस्था से जोड़ा।
आम आदमी पार्टी का पलटवार
अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने प्रवेश वर्मा के आरोपों को पंजाब और पंजाबियों का अपमान बताते हुए जोरदार प्रतिक्रिया दी। AAP ने बीजेपी से माफी की मांग की है। इसके जवाब में, प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल और मान के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि केस दायर करने की घोषणा की है।
सिख समुदाय का मुद्दा
इससे पहले, AAP के विधायक ऋतुराज झा ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी को बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं से जोड़ा, जिसके बाद बीजेपी के सिख नेताओं ने इसे समाज का अपमान बताया।
चुनावी रणनीति का अहम सवाल
इस समय चर्चा इस बात पर है कि पूर्वांचल और पंजाबी वोटर्स इस बार दिल्ली में किस पार्टी को चुनेंगे। क्या पंजाबी समुदाय का अपमान किया गया है, या राजनीतिक दलों के बीच यह केवल एक बिना वजह का घमासान है? दिल्ली के चुनाव में इन जातीय-आधारित मुद्दों का असर महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।