
दिल्ली समेत एनसीआर में बदलते मौसम के साथ प्रदूषण का स्तर हर दिन अप डाउन हो रहा है। गुरुवार सुबह एक बार फिर दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 300 के पास पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में है। इंडिया गेट पर स्मॉग की परत छाई हुई है। वहीं कालिंदी कुंज में यमुना नदी में जहरीला झाग तैर रहा है।
दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग का कहर
दिल्ली-एनसीआर में छा रहा स्मॉग (धूल, धुएं और कुहासे का मिश्रण) धूप से गर्मी छीन रहा है। धूप के साथ आने वाली अल्ट्रावायलेट किरणें प्रभावित होने से हड्डियां कमजोर हो रही हैं। इसका खुलासा एम्स के अध्ययन में हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य की रोशनी से मिलने वाली अल्ट्रावायलेट किरणें गर्मी बनाती हैं। यह शरीर में विटामिन डी 3 बनाने का 90 फीसदी स्त्रोत हैं। जबकि 10 फीसदी दूसरे माध्यम से शरीर को विटामिन मिलता है। ऐसे में सर्दियों के दौरान स्मॉग धूप को सीधे धरती तक आने नहीं देता।
एम्स के विशेषज्ञों ने इसके प्रभाव के लिए दिल्ली के मोरी गेट और गुरुग्राम में चयनित लोगों पर एक अध्ययन किया। अध्ययन में पाया गया कि दिल्ली में स्मॉग छाने के कारण लोगों को धूप कम मिली जिस कारण उसमें विटाामिन डी की कमी मिली। पर्याप्त धूप के कारण गुरुग्राम के लोगों में यह समस्या कम दिखी। समय के साथ दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। साथ ही स्मॉग छाने की समस्या भी गंभीर हुई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में सुबह 10 बजे से दोपहर ढाई बजे का समय सूर्य की किरणों के लिए उचित है। इस समय धूप में पर्याप्त अल्ट्रावायलेट किरणें होती हैं जो हड्डियों के लिए जरूरी हैं। यदि इस दौरान केवल 15 से 20 मिनट कोई सीधे धूप के संपर्क में रहता है तो शरीर को पर्याप्त विटामिन डी की आपूर्ति हो जाएगी। इंडोक्रिनोलाजी विभाग के प्रोफेसर डाॅ. आर गोस्वामी ने कहा कि शरीर में विटामिन डी के लिए सूर्य की किरणें सबसे प्रभावी स्त्रोत हैं। इसकी मदद से शरीर के लिए जरूरी 90 फीसदी विटामिन की आपूर्ति हो जाती हैं।