
आजू पूरी दुनिया में सिनेमा का अनुभव काफी बदल चुका है। आज हमें जिस रूप में सिनेमा दिखता है पहले वैसा नहीं था। पहले ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में होती थीं। आज हम फिल्में देखतें हैं तो लगता है कि हमारे सामने सारी चीजें असलियत में हो रही हैं। यह तकीनीक ‘3डी’ कहलाती है। यह तकनीक सबसे पहले अमेरिका में इस्तेमाल की गई थी। आज ही के दिन यानी 10 अप्रैल 1953 को पहली रंगीन 3डी फिल्म ‘हाउस ऑफ वैक्स’ रिलीज हुई थी। आज इस मौके पर हम आपको सिनेमा से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बता रहे हैं।
बिना आवाज के थी पहली भारती फिल्म
भारत में सबसे पहली फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ 1913 में कोरोनेशन सिनेमा में रिलीज हुई थी। यह फिल्म ब्लैक एंड व्हाइट थी। इस फिल्म में आवाज नहीं थी। इस फिल्म का निर्देशन दादा साहब फाल्के ने किया था। इसकी भाषा मराठी और हिंदी थी। इसका टाइटल अंग्रेजी था। इसे भारतीय सिनेमा की पहली फिल्म भी माना जाता है।
पहली बार रिलीज होने वाली आवाज वाली फिल्म
भारत में सबसे पहली आवाज वाली फिल्म ‘आलम आरा’ थी। यह फिल्म 14 मार्च 1931 में रिलीज हुई थी। ‘आलम आरा’ को बोलती फिल्म भी कहा जाता है। इसका निर्देशन अर्देशिर ईरानी ने किया था। इसे सबसे पहले मुंबई (तब बंबई) के मैजेस्टिक सिनेमा में प्रदर्शित किया गया था।
भारत में पहली बार रिलीज होने वाली रंगीन फिल्म
भारत की सबसे पहली रंगीन फिल्म ‘किसान कन्या’ है। यह फिल्म साल 1937 में रिलीज हुई थी। इसका निर्देशन मोती गिडवानी ने किया था। यह फिल्म सआदत हसन मंटो के एक उपन्यास पर आधारित थी। फिल्म में गरीब किसान के संघर्ष के बारे में दिखाया गया था।