डायबिटीज अक्सर ब्लड शुगर बढ़े रहने की समस्या है जिसके कई प्रकार के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। खाली पेट शुगर का स्तर 125 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर और खाना खाने के बाद अगर ये मात्रा 125 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर या इससे अधिक बनी रहती है तो इसे डायबिटीज या हाई शुगर कहा जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिन लोगों का शुगर लेवल अक्सर सामान्य से अधिक बना रहता है उनमें कई प्रकार की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को खतरा हो सकता है। अगर इसे कंट्रोल न किया जाए तो समय के साथ किडनी, आंख, लिवर और मेटाबॉलिज्म से संबंधित दिक्कतें बढ़ जाती हैं।
हाई शुगर लेवल और इसके कारण होने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं के बारे में तो अक्सर चर्चा होती रहती है, पर क्या आप जानते हैं कि शुगर बढ़ना जितना खतरनाक है, इसका कम होना भी सेहत के लिए गंभीर हो सकता है। यही कारण है कि डॉक्टर सभी लोगों को अपने शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए निरंतर प्रयास करते रहने की सलाह देते हैं।
शुगर लेवल लो होना (हाइपोग्लाइसेमिया)
रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से कम होने को हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है। अगर आपका शुगर लेवल 70 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से नीचे हो गया है तो ये हाइपोग्लाइसेमिया की स्थिति मानी जाती है। अगर आपको लंबे समय तक हाइपोग्लाइसेमिया की समस्या बनी रहती है तो सावधान हो जाइए ये आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। डॉक्टर बताते हैं, ये स्थिति मुख्यरूप से डायबिटीज के मरीजों में देखी जाती है, विशेषतौर पर वे लोग जो इंसुलिन का इंजेक्शन लेते हैं।
ग्लूकोज हमारे शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है और इसका स्तर कम हो जाने पर शरीर और मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
शुगर बढ़ने पर क्या होता है?
हाइपोग्लाइसेमिया के कारण होने वाली समस्याओं को जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि शुगर बढ़ने पर क्या-क्या दिक्कतें होती हैं? हाई शुगर लेवल (हाइपरग्लाइसेमिया) के कारण शरीर में कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं जिनपर सभी लोगों को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
भूख और प्यास अधिक लगना।
बार-बार पेशाब आना।
सिरदर्द- धुंधला दिखाई देना।
थकान-वजन कम होना।
बार-बार यूटीआई या त्वचा में संक्रमण होना।
घाव का धीरे-धीरे ठीक होना या इसमें बहुत अधिक समय लगना।
अगर आप इन लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से जरूर मिल लें। हाई शुगर की दीर्घकालिक स्थिति जानलेवा रोगों का भी कारण बन सकती है।