
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ‘न्याय’ को केंद्र में रखकर अपना चुनाव घोषणा पत्र तैयार कर रही है. इसमें देशवासियों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा किया जाएगा. इसके साथ पार्टी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने के वादे के साथ किसानों के लिए अलग से बजट का वादा कर सकती है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम की अध्यक्षता वाली घोषणा पत्र समिति की कई बैठक हो चुकी है. समिति ने विभिन्न माध्यमों से देशवासियों से बड़ी संख्या में सुझाव मंगाए हैं. इन सुझावों के आधार पर पार्टी घोषणा पत्र को अंतिम रूप देगी. घोषणा पत्र समिति से जुड़े एक सदस्य ने कहा कि घोषणा पत्र का खाका लगभग तैयार है. उन्होंने कहा कि समिति की अगली बैठक में घोषणा पत्र का प्रारूप काफी हद तक तैयार हो जाएगा. अपने घोषणा पत्र को अंतिम रूप देने से पहले पार्टी इंडिया गठबंधन के दूसरे घटकदलों के साथ भी मुख्य मुद्दों पर चर्चा कर सकती है, ताकि घटकदलों के चुनावी घोषणा पत्रों में किसी तरह का कोई विरोधाभास न दिखाई दे.
वर्ष 2019 का चुनाव घोषणा पत्र भी कांग्रेस ने न्यूनतम आय योजना (न्याय) के साथ शुरू किया था. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस बार भी पार्टी कुछ बदलाव के साथ इस योजना को घोषणा पत्र में शामिल कर सकती है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जातिगत जनगणना की बात बहुत शिद्दत से उठाते रहे हैं. ऐसे में घोषणा पत्र में पार्टी जातिगत जनगणना के साथ ‘जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उतनी उसकी भागीदारी’ का वादा भी कर सकती है.
किसानों के मुद्दों को भी शामिल किया जाएगा
कांग्रेस रणनीतिकार मानते हैं कि एमएसपी की गारंटी बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है. इसलिए, पार्टी घोषणा पत्र में इसे प्रमुखता देगी. पार्टी किसानों के कल्याण और खेती से जुड़े किसानों के मुद्दों को भी घोषणा पत्र में शामिल करेगी. बेरोजगारी, महंगाई और संस्थानों की आजादी का मसला भी पार्टी शामिल करेगी.