
राजस्थान में टिकट बंटवारे में मचे घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी पेश कर दी है. उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहते हैं, लेकिन यह पद उन्हें नहीं छोड़ रहा है. इसके बाद उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि शायद छोड़ेगा भी नहीं.
इसके साथ उन्होंने यह संकेत देने में भी देर नहीं की कि सचिन पायलट के भरोसेमंद लोगों के टिकट क्लीयर हो रहे हैं. उम्मीदवारों के चयन के लिए हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के एक दिन बाद कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत काफी खुश नजर आए. यह सवाल किए जाने पर पार्टी चुनाव में फिर जीत दर्ज करती है, तो क्या वह फिर मुख्यमंत्री बनेंगे. इस पर गहलोत ने सरकारी योजना से इलाज कराने वाली महिला से बातचीत का उदाहरण दिया. गहलोत ने बताया कि महिला समर्थक ने एक बार उनसे कहा था कि वह चाहती है कि अशोक गहलोत चौथी बार मुख्यमंत्री बने.
उन्होंने उस महिला को बताया कि वह मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहते हैं, लेकिन पद उन्हें नहीं छोड़ रहा है. शायद छोड़ेगा भी नहीं. वह सिर्फ यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में जो सीएम उम्मीदवार बनता है, वह कभी सीएम नहीं बनता.
वसुंधरा को सजा नहीं मिले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे को लेकर हमदर्दी जताई है. उन्होंने कहा कि उनकी वजह से वसुंधरा राजे को सजा नहीं मिलनी चाहिए.
चुनाव आयोग संज्ञान ले
केंद्रीय जांच एजेंसियों की साख पर उठ रहे सवालों पर चिंता जताते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि जांच एजेंसियो को राजनीतिक दबाव में काम नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजस्थान में चुनाव की घोषणा हो चुकी है. आचार संहिता लगी हुई है, इसके बाद भी छापेमारी हो रही है. चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए.
विधायक पर आरोप नहीं
मौजूदा विधायकों के टिकट काटने के बारे में गहलोत ने कहा कि विधायकों के खिलाफ कोई नाराजगी नहीं है. भ्रष्टाचार के आरोप भी गलत हैं. किसी विधायक का टिकट तभी काटा या बदला जाता है, जब कोई बेहतर विकल्प होता है.