नई दिल्ली. दिल्ली के रेलवे स्टेशनों से अब कुख्यात अपराधियों का बच निकलना मुश्किल होगा. रेलवे अधिकारियों कि मानें तो विदेशों की तर्ज पर दिल्ली में प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा.
अधिकारियों के अनुसार, इसमें फेशियल रिकॉगनिशन सॉफ्टवेयर की मदद ली जाएगी. इसका लाभ यह होगा कि यह सॉफ्टवेयर मनुष्य का चेहरा पढ़ेगा. यदि कोई अपराधी शख्स स्टेशन में दाखिल होगा, तो अलार्म बजेगा और अपराधी को पकड़ा जा सकेगा. इसके लिए पुलिस के पास मौजूद अपराधियों के रिकॉर्ड से मदद ली जाएगी. इन प्रयासों के जरिए स्टेशनों को लोगों के लिए सुरक्षित करने की कोशिश चल रही है. जल्द ही इसका ट्रायल करने की तैयारी है.
इसके लिए फिलहाल चार प्रमुख स्टेशन का चुना जाना तय हुआ है. इस तकनीक के लगाए जाने के बाद स्टेशनों पर न केवल अपराध कम होगा बल्कि अपराधियों को पकड़ने में भी मदद मिलेगी.
कई जगह हो रहा प्रयोग
विदेशों के अलावा देश में भी यूपी के 14 स्टेशनों, बेंगलुरू सहित कई जगहों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस तकनीक के जरिए अपराधियों को पकड़ने में सफलता मिली है.
ऐसे पकड़े जाएंगे अपराधी
- रेलवे स्टेशन वीडियो सर्विलांस तकनीकी से लैस किए जाएंगे. स्टेशन पर जहां-जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, वहां एआई तकनीक की मदद ली जाएगी.
- सर्विलांस तकनीकी को प्रभावशाली बनाने के लिए आरपीएफ और जीआरपी के अलावा दिल्ली पुलिस से अपराधियों की कुंडली मांगी जाएगी. उनकी फोटो सॉफ्टवेयर में अपलोड होगी.
- जैसे ही अपराधी व्यक्ति स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी की जद में आएगा, तो फेशियल रिकॉगनिशन सॉफ्टवेयर की मदद से अपराधी की फोटो आने पर अलार्म बजने लगेगा.
- अलार्म बजने पर सतर्क सुरक्षा बलों के जवान अपराधी को पकड़ सकेंगे.