
देशभर में विजयदशमी की तैयारियों के बीच एक बुरी खबर है। बुधवार को अरुणाचल प्रदेश में सेना का हेलिकाप्टर क्रैश हो गया। खबर है कि हादसे में एक पायलट की मौत हो गई है। अधिकारियों ने जानकारी दी कि हादसा उस वक्त हुआ, जब हेलिकाप्टर नियमित उड़ान भर रहा था। फिलहाल, सेना की वजह से दुर्घटना का पता लगाया जा रहा है।भारतीय सेना के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि हेलिकाप्टर सुबह करीब 10 बजे नियमित उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस घटना में दोनों ही पायलट बुरी तरह घायल हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि हादसे में पायलट कर्नल सौरभ यादव की इलाज के दौरान मौत हो गई है। वहीं, दल के अन्य सदस्यों का इलाज जारी है। अधिकारियों के अनुसार, पूर्वोत्तर राज्य में हुए इस हादसे की वजह का अब तक पता नहीं लग सका है। फिलहाल, जांच जारी है।
सेना अधिकारी के मुताबिक, ये हादसा सुबह करीब 10 बजे हुआ। हेलिकॉप्टर के दोनों पायलट को हॉस्पिटल ले जाया गया। इसमें एक पायलट सौरभ यादव गंभीर रूप से घायल थे और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। वहीं दूसरे पायलट का इलाज किया जा रहा है। सेना अधिकारियों का कहना है कि अभी हादसे की वजह का पता नहीं लग पाया है।
अरुणाचल प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले और केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू ने ट्वीट कर हादसे को लेकर दुख जताया. उन्होंने कहा, “अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में भारतीय सेना के चीता हेलीकॉप्टर के क्रैश होने की दुखद खबर आ रही है. घायल पायलट की बचने की प्रार्थना कर रहे हैं.
चीता हेलीकॉप्टर (फ्रांस के यूरोकॉप्टर हेलीकॉप्टर LAMA SA 315B की तरह) एक उच्च क्षमता वाला हेलीकॉप्टर है जिसे वजन की एक विस्तृत श्रृंखला, गुरुत्वाकर्षण के केंद्र और बेहद ऊंचाई की स्थिति में बेहतर संचालन के लिए डिजाइन किया गया है. पांच सीटों वाला यह हेलीकॉप्टर बहु भूमिका और बहुउद्देश्यीय है. इस हेलीकॉप्टर के खाते में सभी कैटेगरी में बेहद ऊंचाई वाले स्थान पर उड़ान भरने में विश्व रिकॉर्ड दर्ज है. 1970 में हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने मैसर्स एसएनआईएएस के साथ चीता हेलीकॉप्टर्स के लिए लाइसेंस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. कच्चे माल से तैयार किया गया पहला चीता 1976-77 में वितरित किया गया था. यह हेलीकॉप्टर Artouste-III B टर्बो शाफ्ट इंजन द्वारा संचालित होता है.