प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बेंगलुरु के कैंपेगौडा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के टर्मिनल 2 का उद्घाटन करेंगे जिसके कार्यान्वयन से हवाईअड्डे की क्षमता दोगुनी से ज्यादा हो जाएगी. करीब पांच हजार करोड़ रुपए की लागत से बने टर्मिनल-2 के उद्घाटन के साथ चेक इन एवं आव्रजन काउंटरों की संख्या दोगुनी हो जाएगी. इससे हवाईअड्डे (airport) की सालाना वहन क्षमता पांच से छह करोड़ यात्रियों की हो जाएगी जो वर्तमान में करीब ढाई करोड़ यात्री सालाना है.
टर्मिनल 2 की डिज़ाइन उद्यानों के शहर बेंगलुरु को समर्पित होगी और यात्रियों को बगीचे के टहलने जैसा अनुभव होगा. यात्रियों को दस हजार वर्गमीटर से अधिक हरी भरी दीवारों, हैंगिंग गार्डन एवं आउटडोर गार्डन के बीच चलने का अहसास होगा. इन बागों का निर्माण स्वदेशी तकनीक से किया गया है. कैंपेगौडा अंतर्राष्ट्रीय (international) हवाई अड्डे के समूचे परिसर में शत प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल हो रहा है और टर्मिनल 2 भी डिजाइन इसी सिद्धांत पर बनाई गई है.
नए टर्मिनल से देश के सिलिकॉन वैली के नाम से मशहूर बेंगलुरु की हवाई सुविधाओं में जबर्दस्त इजाफा होगा. नए टर्मिनल का निर्माण पांच हजार करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. टर्मिनल-2 को ‘गार्डन सिटी ऑफ बेंगलुरु’ के यादगार स्वरूप में डिजाइन किया गया है. यहां पहुंचने पर यात्रियों को किसी बगीचे (garden)में टहलने जैसा अनुभव मिलेगा. यात्री 10,000 वर्गमीटर से ज्यादा की हरी दीवारों, हैंगिंग गार्डन और बाहरी उद्यानों से होकर गुजरेंगे. इन उद्यानों को स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके भारत में ही तैयार किया गया है.
बेंगलुरु एयरपोर्ट पर 100 फीसदी अक्षय ऊर्जा का उपयोग
बेंगलुरु एयरपोर्ट पर पहले से ही पूरे परिसर में अक्षय ऊर्जा का 100 फीसदी इस्तेमाल हो रहा है. इसने इस मामले में मिसाल पेश की है. टर्मिनल 2 की डिजाइन को भी इसी तरह तैयार किया गया है.