जम्मू-कश्मीर। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) ने एक नया खुलासा किया है. ‘द वायर’ को दिए गए एक इंटरव्यू में सत्यपाल मलिक ने कहा है कि साल 2018 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग होने से पहले पीपल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन (Sajjad Lone) राज्य के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे. सज्जाद लोन के पास उस समय सिर्फ़ छह विधायक थे. सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा कि उस समय सज्जाद लोन केंद्र सरकार के सबसे पसंदीदा शख्स थे. सत्यपाल मलिक इन दिनों मेघालय के राज्यपाल हैं.
सत्यपाल मलिक ने बताया कि उन्होंने सज्जाद लोन से कहा कि वह साबित करें कि उनके पास विधानसभा में बहुमत है. मलिक ने कहा, ‘सज्जाद लोन ने मुझसे कहा कि अगर आप मुझे सीएम पद की शपथ दिला दें तो मैं एक हफ्ते में अपना बहुमत साबित कर दूंगा.’ सत्यपाल मलिक ने उनकी स्थितियों के बारे में बताया है कि उन्होंने नवंबर 2018 में विधानसभा क्यों भग कर दी थी. आपको बता दें कि उस समय पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मिलकर सरकार बनाने की कोशिश की थी.
मलिक ने बताया- क्यों नहीं बनवाई थी सरकार
इंटरव्यू में सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘मैंने सज्जाद लोन से कहा कि यह राज्यपाल की भूमिका नहीं है और मैं ऐसा नहीं करूंगा. सुप्रीम कोर्ट मुझे कोड़े मारेगा. अगले ही दिन सुप्रीम कोर्ट कहेगा कि आप सदन को तलब करें. ऐसा होने पर आप बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे और हार जाएंगे.’ सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा है कि हो सकता था कि पीडीपी-कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास बहुमत होता लेकिन उन्होंने न तो औपचारिक बैठक की और न ही महबूबा मुफ्ती को कोई समर्थन पत्र ही दिया.
उन्होंने आगे बताया, ‘मैंने उस समय अरुण जेटली से बात की और केंद्र सरकार की ओर से निर्देश मांगे. मैंने उनसे कहा कि अगर महबूबा मुफ्ती की ओर से सरकार बनाने का दावा करने वाला पत्र मिलता है तो मैं उन्हें शपथ के लिए बुलाने को बाध्य हूं.’