नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर सबसे बड़ा एक्शन लिया है. गृह मंत्रालय ने PFI और उससे जुड़े 8 संगठनों पर 5 साल के लिए पाबंदी लगा दी है. सरकार ने UAPA कानून के तहत यह कार्रवाई की है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, PFI के काडर आतंकी और हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे हैं. उनके ISIS जैसे आतंकी संगठनों से संबंध हैं और एक समुदाय को कट्टर बनाने का गुप्त एजेंडा चला रहे थे.
PFI पर बैन का मुस्लिम संस्था के अलावा बीजेपी ने स्वागत किया है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर लिखा..’बाय-बाय PFI’ तो वहीं बीजेपी के महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि राजस्थान में भी जिस प्रकार कई ज़िलों में दंगा हुआ, उसी समय हम कह रहे थे कि PFI का इसमें हाथ था. कर्नाटक में जब सिद्धारमैया की सरकार थी, उस समय भी 23 से अधिक लोगों की हत्या हुई थी. देश को अखंड रखने के लिए इसपर (PFI) बैन जरूरी था.
मुस्लिम संस्था ने किया स्वागत
वहीं पीएफआई पर बैन का सूफी खानकाह एसोसिएशन ने भी स्वागत किया है. संस्था के अध्यक्ष कौसर हसन मजीदी ने कहा, मुसलमानों को समझना चाहिए कि पीएफआई देश विरोधी था. पीएफआई पर बैन के विरोध में लोगों को कोई प्रदर्शन नहीं करना चाहिए. पिछले कई वर्षों से सूफी खानकाह एसोसिएशन लगातार पीएफआई पर बैन की मांग कर रहा था. उसके बाकायदा इसके लिए अभियान छेड़ा हुआ था.
पीएफआई पर ताबड़तोड़ एक्शन
NIA की अगुआई में विभिन्न राज्यों की पुलिस ने कुल 7 राज्यों से 270 PFI के मेंबर को हिरासत में लिया है. इनमें से 56 यूपी से, 74 कर्नाटक से, 23 असम से, 34 दिल्ली से, 47 महाराष्ट्र से, 21 मध्यप्रदेश से और 15 गुजरात से हैं.
पीएफआई पर हुए ये खुलासे
जांच में पता चला है कि फंडिंग के लिए जमाखातों के नाम ये हिंदी या संस्कृत में रखते हैं ताकि सबको लगे कि किसी संघ के या हिंदू संगठन से पैसे आए हैं. पैरवी और घुसपैठ के लिये दलित वकीलों को अपने पैनल पर रखते हैं ताकि दलित मुस्लिम वाला कार्ड खेल सकें. पीएफआई के जाकिर नाइक से भी संबध मिले हैं.
PFI बैन की 10 वजहें
- देश की अखंडता, सम्प्रभुता, सुरक्षा के खिलाफ गतिविधियां
- संविधान विरोधी गतिविधियों में फंड का इस्तेमाल
- एक समुदाय को कट्टर बनाना गुप्त एजेंडा
- लोकतंत्र को कमज़ोर करने का काम
- संवैधानिक ढांचे का अनादार करना
- PFI काडर आतंकी गतिविधियों में शामिल
- दूसरे धर्म से जुड़े संगठनों के सदस्यों की हत्या
- आतंकी संगठन ISIS से संबंध
- आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश से संबंध
- बैन संगठन SIMI से संबंध