नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इस बार अपना 72वां जन्मदिन मध्य प्रदेश के श्योपुर के कूनो अभयारण्य (Kuno National Park) में मनाएंगे. पीएम मोदी 17 सितंबर को अपने जन्मदिन के मौके पर कूनो नेशनल पार्क में 8 चीतों को छोड़ेंगे. ये चीते नामीबिया से भारत लाए जा रहे हैं. पीएम जिन चीतों को छोड़ेंगे, उनकी उम्र चार से छह साल के बीच होगी.
इस बात की जानकारी केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव ने दी है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी चंबल की धरती पर अपना जन्मदिन मनाएंगे और इस दिन इस परियोजना की शुरुआत करेंगे. जिन पांच चीतों को नामीबिया (Namibia) से लाया गया है उनमें पांच नर और तीन मादा हैं. चीतों की ये प्रजाति भारत में विलुप्त हो गई थी. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की मंशा के अनुसार ये काम हो रहा है. भारत प्रकृति के साथ, सद्भाव के साथ, सदभावना के साथ समन्यव पूर्वक जीवन जीने का रास्ता दिखाता है.
क्यों हुई इस अभियान की शुरूआत?
दअरसल, भारत में 1948 में आखिरी बार चीता को देखा गया था. इस वर्ष कोरिया के राजा रामनुज सिंहदेव ने तीन चीतों का शिकार किया था. इसके बाद चीतों की ये प्रजाति विलुप्त हो गई. भारत में 1952 में चीता प्रजाति की समाप्ति मानी गई. इसके बाद भारत सरकार 1972 में वाइल्डलाइफ (प्रोटेक्शन) एक्ट लेकर आई. इसमें किसी भी जंगली जानवर के शिकार को प्रतिबंधित कर दिया गया. साल 2009 में राजस्थान के गजनेर में वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) की ओर से एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया. इसमें चीतों को भारत में वापस लाए जाने की मांग की गई. इस वर्कशॉप में केंद्र सरकार के मंत्री और अधिकारी के साथ कई एक्सपर्ट भी मौजूद थे. ऐसे में इस बात को लेकर सहमति बन गई. बैठक में देशभर में कुछ जगहों को चिन्हित किया गया जहां इन चीतों का वापस लाया जा सकता है.
Kuno National Park को ही क्यों चुना?
केंद्र सरकार ने 10 जगहों की खोज के बाद कूनो-पालपुर नेशनल पार्क को इन चीतों के लिए चुना है. इसकी वजह यह है कि जानवरों के पुर्नवास में मध्य प्रदेश का रिकॉर्ड अच्छा रहा है. मध्य प्रदेश में 2009 में पन्ना में बाघों को सफलतापूर्वक बसाया गया. इसके अलावा इसमें चीतों के शिकार के लिए अच्छा बंदोबस्त किया गया है. कूनो नेशनल पार्क 748 वर्ग किलोमीटर में फैला है. यह छह हजार 800 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले खुले वन क्षेत्र का हिस्सा है.