
कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद के लिए अभी भी पेच फंसा है. मंगलवार को दिनभर मैराथन बैठक और मुलाकातों का दौर चला. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से चर्चा की. इसके बाद पार्टी अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री पद के दोनों दावेदार सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार से अलग-अलग मुलाकात की. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, अध्यक्ष ने दोनों नेताओं का पक्ष सुना है. सूत्रों का कहना है कि खड़गे बुधवार को बेंगलुरु में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर सकते हैं.
सिद्धरमैया के पक्ष में पार्टी के ज्यादातर नेता पार्टी अध्यक्ष खड़गे और सिद्धरमैया के बीच लंबी बातचीत हुई. हालांकि, मुलाकात के बाद सिद्धरमैया ने मीडिया से कोई बात नहीं की. पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के ज्यादातर नेता सिद्धरमैया के पक्ष में हैं, पर शिवकुमार भी अपनी दावेदारी छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.
ऐसे फॉर्मूले की तलाश जो दोनों पक्षों को मंजूर हो राजस्थान और छत्तीसगढ़ से सबक लेते हुए पार्टी कोई ऐसा फॉर्मूला तलाशना चाहती है, जो दोनों पक्षों को मंजूर हो. मुख्यमंत्री की दौड़ में सिद्धरमैया को किसी दूसरे नेता के मुकाबले ज्यादा विधायकों का समर्थन हासिल है. उनके अनुभव और दलित, मुस्लिम एवं पिछड़ा वर्ग में उन्हें समर्थन को देखते हुए ज्यादातर नेता उनके पक्ष में हैं. पर पार्टी की मुश्किल यह है कि इस बार करीब तीन दर्जन लिंगायत विधायक जीत कर आए हैं. ऐसे में पार्टी उनकी राय भी नजरअंदाज नहीं करना चाहती ताकि, भविष्य में मुश्किल का सामना न करना पड़े.
इस बीच, कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि कर्नाटक में मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला एक-दो दिन में हो जाएगा.
डीके बोले, पार्टी मेरी मां
शिवकुमार ने दिल्ली रवाना होने से पहले बेंगलुरु में कहा, कांग्रेस पार्टी मेरा मंदिर है, सबसे बड़ी ताकत है. चिंता की जरूरत नहीं है. प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से जुड़ी खबर खारिज करते हुए उन्होंने कहा, कांग्रेस उनके लिए मां की तरह है और इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता. वहीं, दिल्ली में उन्होंने पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात की. सूत्रों के अनुसार, उनकी दलील है कि लिंगायत सिद्धरमैया के खिलाफ हैं. वर्ष 2013-18 के दौरान मुख्यमंत्री के तौर पर भी उन्होंने छाप नहीं छोड़ी है.
कई और भी दावेदार
मुख्यमंत्री के लिए जोर आजमाइश के बीच वरिष्ठ नेता जी. परमेश्वर, केएच मुनियप्पा और एसआर पाटिल ने भी दावेदारी जताई है. परमेश्वर ने कहा कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी वह उसे स्वीकार करेंगे.