मुंबई . आरबीआई ने व्यापारियों को वस्तुओं और सेवाओं के एवज में ग्राहकों की अनुमति से उनके खाते से निश्चित अवधि पर स्वत पैसा काटने की सीमा कुछ मामलों में मौजूदा 15,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने की अनुमति दी है.
यह सीमा म्यूचुअल फंड, बीमा प्रीमियम जैसी कुछ श्रेणियों के लिए बढ़ाई गई है. वर्तमान में यह सुविधा 15,000 रुपये तक सीमित है. इससे ऊपर के भुगतान के लिए सत्यापन की अतिरिक्त व्यवस्था की जरूरत पड़ती है. आरबीआई के अनुसार, इस प्रकार की पंजीकृत स्वत अनुमति फिलहाल 8.5 करोड़ हैं. इसके तहत हर महीने 2,800 करोड़ रुपये के लेन-देन हो रहे हैं.
विभिन्न तबकों ने म्यूचुअल फंड, बीमा प्रीमियम और क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान जैसी श्रेणियों में सीमा बढ़ाने की जरूरत बताई है. अन्य जरूरतों जैसे लेनदेन से पहले और बाद सूचना, उससे बाहर निकलने की सुविधा आदि इन लेनदेन पर लागू होंगी.
बिना गारंटी वाले कर्ज में कटौती का प्रयास
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने कहा कि बैंक ऋणदाताओं के उपभोग ऋण या असुरक्षित ऋण में कटौती करने के पक्ष में हैं. स्वामीनाथन ने स्पष्ट किया कि केंद्रीय बैंक का इरादा ऋण देने से इनकार करना या इसे सीमित करना नहीं है.
सोच-समझकर जीडीपी वृद्धि का अनुमान बढ़ाया
आरबीआई ने सोच-समझकर जीडीपी वृद्धि के पूर्वानुमान को बढ़ाया है. साथ ही अक्तूबर और नवंबर में सभी संकेतकों ने अच्छा प्रदर्शन किया है. आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा, मुद्रास्फीति के मोर्चे पर अब भी दबाव बना हुआ है और यह चार प्रतिशत के लक्ष्यित स्तर से दूर है.