नई दिल्ली, 31 जुलाई केंद्र सरकार ने इस मानसून सत्र में संसद में पारित होने के लिए 32 विधेयकों को सूचीबद्ध किया, लेकिन जीएसटी की बढ़ी हुई दरों और महंगाई दर के मुद्दे पर विपक्ष के साथ आमना-सामना होने के चलते कामकाज पूरे होने के संकेत कम हैं. अब तक के मानसून सत्र के दौरान, लोकसभा ने लगभग 16 घंटे और राज्य सभा ने 11 घंटे काम किया है. निर्धारित समय के अनुसार, दोनों सदन हर दिन छह घंटे काम करेंगे.
भाजपा और विपक्ष के आमने-सामने होने के चलते 4 लोकसभा सदस्यों और 23 राज्यसभा सदस्यों को निलंबित कर दिया गया है. हंगामे के बीच सरकार ने डोपिंग रोधी विधेयक और फैमिली कोर्ट बिल को लोकसभा में मंजूरी दे दी.
अब, सरकारी सूत्रों का कहना है कि वे मूल्य वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष झुकने को तैयार नहीं है. जिसके चलते सदनों का कामकाज सुचारू रूप से चलने की संभावना बेहद कम है.
महंगाई के खिलाफ कांग्रेस ने 5 अगस्त को देशव्यापी विरोध का आह्वान किया है.
सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि वह चर्चा के लिए तैयार है. राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा, ‘हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके बावजूद विपक्षी सदस्य सदन की कार्यवाही को बार-बार बाधित कर रहे हैं. हम कहते रहे हैं कि हमें उम्मीद है कि जैसे ही वित्त मंत्री ठीक हो जाते है, मूल्य वृद्धि पर चर्चा होगी.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, लोकसभा और राज्यसभा दोनों से विपक्षी सांसदों के निलंबन से यह स्पष्ट है कि मोदी सरकार विपक्ष को संसद में हमारे देश के लोगों द्वारा सामना किए जा रहे वास्तविक, अत्यावश्यक मुद्दों को उठाने की अनुमति देने के मूड में नहीं है.