
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो’ यात्रा से पार्टी की जमीन तलाशने में लगे हुए हैं. ऐसे में पार्टी अध्यक्ष का चुनाव होने जा रहा है. राहुल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बात करते हुए यह साफ किया कि फिलहाल उनका ध्यान इस यात्रा पर है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का पद किसी पार्टी या संगठन का पद नहीं है बल्कि वह एक विचारधारा का पद है. राहुल ने कहा कि हम तनाव मुक्त भारत चाहते हैं और केंद्र सरकार की गलत नीतियों से लगातार लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करने वाली सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं. इस दौरान ‘भारत जोड़ो’ यात्रा लोगों तक पहुंचकर उनका दर्द जान पा रही है. हमें उम्मीद है कि पूरे भारत में यह यात्रा सफल होगी. उन्होने कहा कि हमारे देश की जनता को नफरत पसंद नहीं है और फिलहाल केंद्र सरकार की नीतियां हमारे जीने के तरीके पर आक्रमण कर रही है.
क्यों गहलोत को लगेगा बड़ा झटका
राहुल गांधी की ओर से ‘एक व्यक्ति, एक पद’ पर कायम रहने की बात कहना अशोक गहलोत के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. गहलोत ने खुलकर अपनी इच्छा जाहिर की है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने पर भी राजस्थान में मुख्यमंत्री के पद पर बने रहना चाहेंगे. गहलोत ने बुधवार को दिल्ली में अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात से पहले कहा कि पार्टी यदि चाहेगी तो वह अध्यक्ष पद पर चुनाव के लिए ना नहीं कहेंगे. यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस अध्यक्ष बन जाने की स्थिति में वह मुख्यमंत्री भी बने रहेंगे तो उन्होंने एक मिसाल देते हुए कहा कि अगर किसी राज्य का मंत्री कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में खड़ा होता है तो वह मंत्री बना रह सकता है और चुनाव भी लड़ सकता है.
सोनिया गांधी ने कहा है कि चुनाव निष्पक्ष होगा और वह किसी भी उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेंगी. जाहिर तौर पर बैठक में राजस्थान के मुद्दे पर भी चर्चा हुई, लेकिन इस पर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है. गहलोत अगले सप्ताह पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं. हालांकि, वह राज्य में मुख्यमंत्री की कुर्सी को नहीं छोड़ना चाहते.