बीसीसीआई को मिलेगा नया अध्यक्ष, सौरव गांगुली की जगह दिग्गज रोजर बिन्नी संभाल सकते हैं कमान
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के शीर्ष पदों पर बदलाव लगभग तय हो चुका है. पूर्व कप्तान और मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली बीसीसीआई की कमान छोड़ सकते हैं और उनकी जगह 1983 विश्वकप विजेता टीम का हिस्सा रहे दिग्गज रोजर बिन्नी नए अध्यक्ष बन सकते हैं. गांगुली पिछले तीन वर्षों से बीसीसीआई अध्यक्ष हैं और वह 18 अक्टूबर को होने वाली बोर्ड की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में बिन्नी के लिए अपना पद छोड़ देंगे.
रोजर बिन्नी मंगलवार को बीसीसीआई प्रमुख पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं. जो उम्मीदवार बीसीसीआई पदाधिकारी पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं वे मंगलवार और बुधवार को अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं. वहीं राजीव शुक्ला बोर्ड के उपाध्यक्ष बने रहेंगे, जबकि आशीष सेलर, अरुण सिंह धूमल की जगह नए कोषाध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण कर सकते हैं. रोजर बिन्नी भारत के लिए क्रिकेट खेलने वाले स्कॉटिश मूल के पहले एंग्लो-इंडियन हैं. उनके बेटे स्टुअर्ट बिन्नी ने उनके नक्शेकदम पर चलते हुए कर्नाटक क्रिकेट टीम के लिए और फिर भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला है.
पिछले एक सप्ताह से चल रही गहमागहमी के बाद यह फैसला किया गया कि बेंगलुरु के रहने वाले 67 वर्षीय बिन्नी बोर्ड के 36वें अध्यक्ष होंगे. जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए बीसीसीआई सचिव बने रहेंगे. शाह इसके अलावा आईसीसी बोर्ड में भी गांगुली की जगह लेंगे. बीसीसीआई पदाधिकारियों में शामिल एकमात्र कांग्रेसी नेता राजीव शुक्ला बोर्ड के उपाध्यक्ष बने रहेंगे. खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुण सिंह धूमल अब इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के चेयरमैन होंगे. वह बृजेश पटेल की जगह लेंगे. महाराष्ट्र में भाजपा के नेता आशीष शेलार बोर्ड के नए कोषाध्यक्ष होंगे. असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा के करीबी देवजीत सैकिया नए संयुक्त सचिव होंगे. वह जयेश जॉर्ज की जगह लेंगे.
बीसीसीआई आईसीसी चेयरमैन के लिए चुनाव लड़ेगा या नहीं इस पर अभी फैसला नहीं किया गया है. बीसीसीआई सूत्रों ने पीटीआई से कहा, ‘‘केंद्र सरकार में शामिल एक प्रभावशाली मंत्री ने बोर्ड के पदाधिकारियों के चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.’’
बिन्नी 18 अक्टूबर को मुंबई में होने वाली बीसीसीआई की एजीएम में आधिकारिक रूप से पदभार संभालेंगे. किसी भी पद के लिए चुनाव नहीं होगा क्योंकि सभी उम्मीदवारों को सर्वसम्मति से चुना गया है. मध्यम गति के गेंदबाज रहे बिन्नी ने 1983 के विश्व कप में भारत को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने तब आठ मैचों में 18 विकेट लिए थे जो उस टूर्नामेंट का रिकॉर्ड था.
सोमवार की शाम को मुंबई पहुंचने वाले गांगुली ने कई प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ बातचीत की. गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर बने रहने के इच्छुक थे लेकिन उन्हें बताया गया कि बोर्ड अध्यक्ष पद के मामले में ऐसा चलन नहीं है. बीसीसीआई सूत्रों ने कहा, ‘‘सौरव को आईपीएल के चेयरमैन पद की पेशकश की गई थी लेकिन उन्होंने बड़ी शालीनता से इसे नामंजूर कर दिया. उनका तर्क था कि बीसीसीआई अध्यक्ष बने रहने के बाद वह उसकी उप समिति का प्रमुख नहीं बन सकते.’’
अध्यक्ष पद के लिए बिन्नी का चयन हालांकि चौंकाने वाला रहा. बीसीसीआई के सूत्रों ने कहा, ‘‘रोजर एक अच्छे इंसान हैं जिन्होंने भारत की तरफ से खेलते हुए देश का मान बढ़ाया. वह विश्वकप के नायक हैं और उनकी छवि साफ-सुथरी है. जब उनका बेटा स्टुअर्ट भारतीय टीम में चयन का दावेदार बना तो उन्होंने चयन समिति से इस्तीफा दे दिया था.