भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली इन दिनों खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। हाल ही में खत्म हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में वह बड़ा प्रदर्शन करने में असफल रहे। भारत इस टेस्ट सीरीज को 3-1 से हार गया।
हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज माइकल क्लार्क ने कोहली की जमकर तारीफ की और उन्हें टीम का अहम हिस्सा बताया।
“कोहली के लिए मैं लड़ जाता” – माइकल क्लार्क
माइकल क्लार्क ने बियॉन्ड-23 क्रिकेट पॉडकास्ट में कहा:
“अगर मैं भारतीय टीम का कप्तान होता और विराट कोहली टीम का हिस्सा होते, तो मैं किसी से भी लड़ जाता उन्हें टीम में बनाए रखने के लिए। चाहे उन्होंने उतने रन नहीं बनाए हों जितने बनाने चाहिए थे, लेकिन कोहली को तब तक खेलना चाहिए जब तक उनका खुद का मन न भर जाए।”
कोहली के आंकड़े पिछले साल कमजोर रहे
पिछले साल विराट कोहली ने 10 टेस्ट मैचों में 19 पारियां खेली थीं, जिनमें उन्होंने सिर्फ 24.52 की औसत से 417 रन बनाए। इसके बावजूद माइकल क्लार्क कोहली को टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।
“कोहली के रिटायर होने से भारत को होगा नुकसान”
क्लार्क ने कहा:
“अगर कोहली अभी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लेते हैं, तो इसका सबसे बड़ा नुकसान भारतीय टीम को होगा। कोहली इतने अच्छे खिलाड़ी हैं कि वह किसी भी दिन दोहरा शतक बना सकते हैं।”
Michael Clarke said “If Virat Kohli retires from Test Cricket right now, there is only one team losing out, it’s India – This guy can make a Double Hundred tomorrow. He is that good a player – He should play until he’s had enough”. [Beyond23 Cricket Podcast] pic.twitter.com/2ELn42mmH7
— Johns. (@CricCrazyJohns) January 9, 2025
सचिन और कोहली की तुलना पर बोले क्लार्क
क्लार्क ने विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर की तुलना पर कहा:
“दोनों अलग खिलाड़ी हैं। सचिन की कवर ड्राइव और कोहली की आक्रामकता दोनों की अपनी ताकत हैं। सचिन ने सिडनी में 200 रन बनाते वक्त ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों को छुआ तक नहीं। कोहली की सबसे बड़ी ताकत गेंद पर शॉट लगाना है, और उनकी तुलना सचिन से करना सही नहीं है।”
गावस्कर ट्रॉफी विवाद पर प्रतिक्रिया
सुनील गावस्कर ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान नाराजगी जताई थी क्योंकि उन्हें ट्रॉफी देने के लिए नहीं बुलाया गया। इसपर माइकल क्लार्क ने कहा:
“यह कोई मायने नहीं रखता कि कौन जीता। मेरे हिसाब से दोनों (बॉर्डर और गावस्कर) को ट्रॉफी देने के लिए बुलाना चाहिए था। यह एक बड़ा मौका था जिसे गंवा दिया गया।”