
अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा समोराह में हिस्सा लेंगे. यही वजह है कि कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन के तमाम घटकदलों ने प्राण प्रतिष्ठा को राजनीतिक कार्यक्रम करार देते हुए शामिल होने से इनकार कर दिया है.
विपक्षी दलों को इससे होने वाले सियासी नुकसान का भी अंदेशा है, यही वजह है कि इंडिया गठबंधन के घटकदलों के नेता अलग-अलग मंदिरों में पूजा-अर्चना करेंगे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो न्याय यात्रा में व्यस्त हैं. सोमवार को वह असम में होंगे. ऐसे में राहुल गांधी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दिन असम के नगांव जिले में वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान पर पूजा-अर्चना करेंगे. राहुल गांधी कह चुके हैं कि प्राण प्रतिष्ठा का समारोह आरएसएस और भाजपा का राजनीतिक कार्यक्रम है, इसलिए पार्टी नेतृत्व हिस्सा नहीं ले रहा है. हालांकि, उन्होंने कहा कि पार्टी नेता अयोध्या जा सकते हैं.
इस बीच, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला के राम मंदिर में 24 घंटे चलने वाले अखंड पाठ का ज्योति प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया. इसके साथ उन्होंने 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया है. हालांकि, कर्नाटक सरकार ने छुट्टी घोषित नहीं है. प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने छुट्टी घोषित करने से इनकार करते हुए कहा कि वह अपनी भक्ति या धर्म का प्रचार नहीं करेंगे.
तृणमूल कांग्रेस सोमवार को पूरे प्रदेश में सद्भाव रैली निकाल रही है. टीएमसी ने इनमें धार्मिक नेताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
ममता बनर्जी सद्भावना रैली में शिरकत करेंगी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में पार्टी की सद्भावना रैली में हिस्सा लेंगी. शिवसेना (यूटीबी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे प्राण प्रतिष्ठा के समय नासिक में वीर सावरकर के जन्मस्थान भागुर जाएंगे और श्री कालाराम मंदिर में दर्शन पूजन करेंगे. इसके लिए शिवसेना ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी निमंत्रण भेजकर आरती में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है. वहीं आम आदमी पार्टी भी दिल्ली में शोभायात्रा निकालने की तैयारी कर रही है. प्राण प्रतिष्ठा के दिन पार्टी पूरे शहर में भंडारे करेगी. इसके साथ पार्टी एक शोभायात्रा निकालेगी.