
लोकसभा चुनावों के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले अरविंदर सिंह लवली अब भाजपा में शामिल हो गए हैं. वह आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर नाराज चल रहे थे. अरविंदर सिंह लवली के साथ कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है. इनमें राजकुमार चौहान, नसीब सिंह, नीरज बसोया और अमित मलिक शामिल हैं.अरविंदर सिंह लवली शीला दीक्षित की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उनको पिछले साल अगस्त में दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख के पद पर नियुक्त किया गया था.
हाल ही में लवली ने दिल्ली इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इसकी एक वजह AAP से गठबंधन का होना भी है. अरविंदर सिंह लवली ने पद छोड़ने के बाद अपने बयान में कहा था कि कांग्रेस की दिल्ली इकाई गठबंधन के खिलाफ थी और पार्टी आलाकमान ने राष्ट्रीय राजधानी के नेताओं की बात नहीं सुनी और AAP से गठबंधन को मंजूरी प्रदान कर दी. उन्होंने कांग्रेस की दिल्ली यूनिट में चल रही खींचतान के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया का भी नाम लिया था.
अरविंदर सिंह लवली ने अपने त्यागपत्र में उत्तर पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार और उत्तर पश्चिम दिल्ली से उदित राज को टिकट दिए जाने की आलोचना की थी और कहा कि ये दिल्ली कांग्रेस के लिए अजनबी हैं. उन्होंने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे अपने इस्तीफे में कहा था कि वह खुद को लाचार महसूस कर रहे थे क्योंकि दिल्ली इकाई के वरिष्ठ नेताओं के सर्वसम्मति से लिए गए सभी फैसलों को दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया रोक देते थे.
लवली ने अपने इस्तीफे में कहा था कि दिल्ली कांग्रेस इकाई AAP से गठबंधन के खिलाफ थी. जिस आम आदमी पार्टी के आधे कैबिनेट मंत्री वर्तमान में जेल में हैं, उका गठन कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर किया गया था. फिर भी कांग्रेस ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का निर्णय लिया. यही नहीं दो ऐसे नेताओं (कन्हैया कुमार और उदित राज) को टिकट दिए गए जो कांग्रेस की नीतियों से अनजान हैं.