
झारखंड हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी के खिलाफ दाखिल पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका को खारिज कर दी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एस चंद्रशेखर और जस्टिस नवनीत कुमार की अदालत ने हेमंत की गिरफ्तारी को सही बताते हुए कहा कि ईडी की ओर से की गयी कार्रवाई में कुछ भी गलत नहीं है. इसके पूर्व 28 फरवरी को मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
हेमंत को ईडी ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. हेमंत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी को गलत बताया था. उनकी ओर से हाईकोर्ट में कहा गया था कि जिस मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है वह मामला शेड्यूल ऑफेंस का नहीं है. उनके खिलाफ मनी लाउंड्रिंग का कोई मामला नहीं बनता है. बड़गाईं अंचल की जिस विवादित 8.44 एकड़ जमीन की बात कही जा रही है, उसके मूल दस्तावेज में हेमंत सोरेन के नाम का जिक्र नहीं है. इस केस में कोई भी साक्ष्य नहीं है और न ही ईडी अभी तक कोई साक्ष्य जुटा पाई है. जबकि ईडी का कहना था कि 16 अगस्त को अंचलाधिकारी बड़गाईं को राजकुमार पाहन द्वारा उनकी जमीन पर कब्जे की शिकायत के बाद आनन-फानन में 29 जनवरी 2024 को एसएआर कोर्ट ने अंतिम रूप से राजकुमार पाहन को उक्त जमीन का मालिकाना हक दे दिया.