
कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर भारतीय जनता पार्टी फिर हमलावर है. शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राहुल से सवाल किया है कि क्या देश शरिया से चलेगा? हाल ही में भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का एक वीडियो शेयर किया है, जिसे लेकर भाजपा ने दावा किया है कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार गरीब मुसलमानों का होना चाहिए.
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में शाह ने कहा, ‘कांग्रेस के घोषणा पत्र में कहा गया है कि ‘हम पर्सनल लॉ को आगे बढ़ाएंगे.’ मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि यदि आप पर्सनल लॉ को आगे बढ़ाएंगे तो क्या ये देश अब शरिया के आधार पर चलेगा? किस प्रकार का संविधान आप इस देश में चाहते हैं? भाजपा ने अपने घोषणापत्र में स्पष्टता के साथ कहा है कि हम यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लाएंगे, सभी पंथ और मजहब के लोगों के लिए एक ही कानून होगा.’
साथ ही उन्होंने कहा, ‘सुरक्षित देश के लिए, समृद्ध देश के लिए, गरीबों के कल्याण के लिए ऐसी पार्टी को वोट दें जो अपने वादों पर खरी उतरे. …कांग्रेस का घोषणापत्र आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रति लोगों का रुझान और बढ़ा है, क्योंकी कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में तुष्टिकरण की पुरानी आदत को एक बार फिर से दोहराया है.’
नड्डा ने भी लगाए आरोप
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कांग्रेस पर शुक्रवार को आरोप लगाया कि वह मुसलमानों को लाभ पहुंचाने के लिए अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अधिकारों को छीनना चाहती है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह विपक्षी दल का छिपा हुआ एजेंडा है.
उन्होंने लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत मतदान जारी रहने के बीच वीडियो के जरिए एक बयान जारी किया. नड्डा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 2006 के उस बयान का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों का है. भाजपा नेता ने कहा कि सिंह ने अप्रैल 2009 में भी इसी तरह की टिप्पणी की थी.