लंदन. ब्र्रिटेन में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 वर्ष की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया. बालमोराल कैसल स्थित आवास में उन्होंने अंतिम सांस ली है. राजपरिवार ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि की. एलिजाबेथ द्वितीय ने ब्रिटेन पर तकरीबन 70 वर्षों तक शासन किया.
महारानी के निधन के बाद उनके सबसे बड़े बेटे प्रिंस चार्ल्स ब्रिटेन के सम्राट बन गए हैं. बकिंघम पैलेस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, किंग और क्वीन कंसॉर्ट आज शाम बालमोराल में ही रहेंगे और कल लंदन वापस लौटेंगे. एलिजाबेथ साल 1952 में ब्रिटेन की महारानी बनीं थीं और सोलह महीने बाद जून 1953 में उनकी ताजपोशी हुई थी.
इससे पहले सुबह चिकित्सा जांच के बाद डॉक्टरों ने महारानी की स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई थी और उन्हें चिकित्सकीय देखरेख में रहने की सलाह दी थी. डॉक्टरों के महारानी को निगरानी में रखने के बाद उनके सभी बच्चे बालमोराल पहुंचे गए थे. क्वीन के पोते प्रिंस विलियम भी अस्पताल में ही मौजूद थे. विलियम के छोटे भाई प्रिंस हैरी रास्ते में थे.
उधर, लंदन के बकिंघम पैलेस में होने वाली गार्ड चेंजिंग को रद्द कर दिया गया है. ब्रिटेन में प्रधानमंत्री का शपथग्रहण समारोह भी टाल दिया गया है. बकिंघम पैलेस के बाहर समर्थकों की भीड़ जमा थी.
महारानी एलिजाबेथ का सात दशक लंबा राजकाज भारी उथल-पुथल वाला रहा. वे उस दौर में ब्रिटेन की महारानी बनी थीं, जब पूरी दुनिया में ब्रिटेन की हैसियत घट रही थी. लोग राजशाही पर ही सवाल खड़े कर रहे थे. उन्होंने इन चुनौतियों का सामना किया.
प्रधानमंत्री ने दुख जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है. मोदी ने कहा कि उनके निधन से बहुत आहत हुआ हूं. एलिजाबेथ द्वितीय को हमारे समय की एक दिग्गज शासक के रूप में याद किया जाएगा. उन्होंने अपने राष्ट्र और लोगों को प्रेरक नेतृत्व दिया. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और ब्रिटेन के लोगों के साथ हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, मैं 2015 और 2018 में ब्रिटेन की यात्राओं के दौरान उनसे मिला था. मैं उनकी गर्मजोशी और दयालुता को कभी नहीं भूलूंगा.