
अमेरिका की प्रसिद्ध निवेश अनुसंधान कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च को अब बंद कर दिया गया है। इसके संस्थापक नाथन एंडरसन ने इस बात की घोषणा की। कंपनी को शॉर्ट-सेलिंग रिपोर्ट्स के लिए जाना जाता था, जो अक्सर शेयर बाजार में बड़ा असर डालती थीं।
कंपनी का योगदान और विवाद
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट्स के जरिए कई बार कंपनियों की कमजोरियों को उजागर किया। इन रिपोर्ट्स के कारण शेयर बाजार में भारी शॉर्ट-सेलिंग हुई, जिससे भारत के अडाणी समूह और अमेरिका की निकोला जैसी कंपनियों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा।
संस्थापक नाथन एंडरसन का बयान
नाथन एंडरसन ने कंपनी बंद करने पर कहा:
“मैंने परिवार, दोस्तों और टीम के साथ साझा किया था कि हमने हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने का निर्णय लिया है। हमने हाल ही में पोंजी स्कीम से जुड़े अंतिम प्रोजेक्ट्स पूरे किए हैं। अब हमारी गतिविधियां समाप्त हो गई हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी का उद्देश्य निवेशकों को सटीक जानकारी प्रदान करना था, और अब वह अपनी जिम्मेदारी पूरी कर चुकी है।
अडाणी समूह पर लगाए थे गंभीर आरोप
जनवरी 2023 में, हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह पर एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि:
समूह के शेयर 85% अधिक मूल्यांकन पर थे।
अडाणी समूह ने मार्केट मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड किया था।
इस रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट हुई और बाजार पूंजीकरण में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।