
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया। यह बैठक वाशिंगटन डीसी में नए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की मेजबानी में आयोजित हुई।
क्वाड बैठक के मुख्य बिंदु
चीन की गतिविधियों पर फोकस: बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता को प्रभावित करने वाली गतिविधियों, खासतौर पर चीन के समुद्री दावों और आक्रामक रुख पर चर्चा की गई।
जयशंकर का बयान: बैठक के बाद एस जयशंकर ने कहा:
“यह महत्वपूर्ण है कि क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक ट्रंप प्रशासन के कार्यभार संभालने के तुरंत बाद हुई। इसका मतलब है कि यह हमारे देशों की प्राथमिकता है। हमने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्थिर और स्वतंत्र बनाए रखने पर जोर दिया और सहयोग बढ़ाने का फैसला किया।”
संयुक्त बयान: बैठक के बाद क्वाड ने कहा,
“हम सभी अंतरराष्ट्रीय कानून, शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और जबरन यथास्थिति बदलने के किसी भी प्रयास का विरोध करते हैं।”
क्वाड समूह: क्या है इसका उद्देश्य?
क्वाड (Quadrilateral Security Dialogue) चार लोकतांत्रिक देशों का समूह है – भारत, अमेरिका, जापान, और ऑस्ट्रेलिया।
मूल उद्देश्य: हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता, और स्वतंत्रता सुनिश्चित करना।
स्थापना: 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी के बाद शुरू हुआ यह समूह 2007 में औपचारिक रूप से अस्तित्व में आया।
पहली बैठक: मार्च 2021 में।
चीन का विरोध
चीन लंबे समय से क्वाड का विरोध करता आ रहा है।
दावा: चीन का कहना है कि यह समूह अमेरिका की एक रणनीति है, जो चीन की आर्थिक और सैन्य ताकत को घेरने के लिए बनाई गई है।
चिंता: बैठक में दक्षिण चीन सागर में चीन की गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया गया, जिससे चीन की नाराजगी और बढ़ गई है।
नए प्रशासन के साथ नई शुरुआत
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के कुछ घंटों के भीतर हुई इस बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र क्वाड की प्राथमिकता में है।