राष्ट्रराजनीति

अब सीएम हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन की विधायकी पर भी लटकी तलवार

रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की विधायक पहले से ही खतरे में है. अब उनके छोटे भाई और दुमका विधायक बसंत सोरेन (Basant Soren) की विधायकी पर भी तलवार लटक गई है. चुनाव आयोग ने कन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट मामले में उनकी विधानसभा सदस्यता को लेकर अपनी रिपोर्ट भेज दी है. अब राज्यपाल रमेश बैंस (Ramesh Bains) को इस पर फैसला लेना है. जेएमएम पहले से ही मांग कर रही है हेमंत सोरेन की सदस्यता पर राज्यपाल को जो फैसला लेना है वह उन्हें तुरंत लेना चाहिए और मामले को लटकाना नहीं चाहिए.

बसंत सोरेन सोरेन पश्चिम बंगाल की माइनिंग कंपनी चंद्रा स्टोन के मालिक दिनेश कुमार सिंह के बिजनेस पार्टनर हैं. वह पार्टनरशिप में मेसर्स ग्रैंड माइनिंग नामक कंपनी भी चलाते हैं. पाकुड़ में चल रही इस कंपनी में भूपेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह और बसंत सोरेन पार्टनर हैं. उन्होंने चुनावी हलफनामे में इनका उल्लेख नहीं किया था. भाजपा ने इसे जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9 ए के नियमों का उल्लंघन बताते हुए उन्हें विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की थी. इसे लेकर राज्यपाल के पास लिखित शिकायत की गई थी.

राज्यपाल ने अभी तक नहीं लिया है कोई फैसला

हेमंत सोरेन के मामले की तरह इसमें भी राज्यपाल ने चुनाव आयोग से राय मांगी थी. इसके बाद चुनाव आयोग ने बसंत सोरेन और शिकायतकर्ता भाजपा को नोटिस कर मामले की सुनवाई की थी. अंतिम सुनवाई बीते 29 अगस्त को हुई थी. इसी मामले में अब चुनाव आयोग ने उनकी विधानसभा सदस्यता को लेकर झारखंड के राजभवन को मंतव्य भेज दिया है. हेमंत सोरेन के मामले की तरह बसंत सोरेन के केस में भी चुनाव आयोग के मंतव्य के अनुसार राज्यपाल को निर्णय लेना है. राजभवन की ओर से इस बारे में कोई आदेश जारी नहीं किया गया है.

aamaadmi.in

चुनाव आयोग में सुनवाई के दौरान दुमका के विधायक बसंत सोरेन की तरफ से उनके अधिवक्ता ने तर्क दिया था कि यह मामला राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र का नहीं है. इसकी अनदेखी करते हुए राजभवन ने संविधान के अनुच्छेद 191 (1) के तहत चुनाव आयोग से मंतव्य मांगा. बसंत सोरेन ने अगर आयोग के समक्ष दिए गए शपथपत्र में तथ्यों को छिपाया है तो हाई कोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल कर उनकी सदस्यता को चुनौती दी जा सकती है. दूसरी तरफ भाजपा के अधिवक्ता ने इसपर दलील दी कि बसंत सोरेन जिस माइनिंग कंपनी से जुड़े हैं, वह राज्य में खनन करती है. बसंत सोरेन का इससे जुड़ाव अधिकारियों को प्रभावित करता है. यह कंफ्लिक्ट आफ इंट्रेस्ट का मामला है. ऐसे में उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए.

join whatsapp channel

delhi news today | cm delhi news | aap party delhi news | bjp party delhi news | congress party delhi news | air quality index delhi news | ani delhi news | ians delhi news today | PTI delhi news | delhi news crime | arvind kejariwal news | delhi news english | chhattisgarh news today | chhattisgarh news accident | chhattisgarh news aaj ki taaja khabar | aaj ka chhattisgarh news | aaj ki chhattisgarh news | bjp party chhattisgarh news | chhattisgarh news raipur | vishnudev say news chhattisgarh | chhattisgarh news channel samachar | छत्तीसगढ़ न्यूज़ चैनल | cg chhattisgarh news | congress chhattisgarh news | daily chhattisgarh news | dpr chhattisgarh news | digital chhattisgarh news | chhattisgarh news english | chhattisgarh news epaper | chhattisgarh news election | chhattisgarh news ed


aamaadmi.in अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरें

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. aamaadmi.in पर विस्तार से पढ़ें aamaadmi patrika की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
महापुरुषों के प्रेरक विचार अश्लील टिप्पणी कर बुरे फंसे रणबीर इलाहबादिया, मांगी माफी AAP की हार पर,अन्ना हजारे हुए भावुक परीक्षा में अच्छे अंक कैसे लाएं? 6 आसान टिप्स