
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का 95वां जन्मदिन है. इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लालकृष्ण आडवाणी को उनके 95वें जन्मदिन की बधाई देने उनके घर पहुंचे. पीएम मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे. पीएम मोदी आडवाणी की बेटी प्रतिभा आडवाणी के साथ लॉन में पहुंचे और बातचीत के लिए बैठने से पहले आडवाणी को एक गुलदस्ता भेंद किया. पीएम मोदी के अलावा पार्टी के अन्य नेताओं ने भी आडवाणी को जन्मदिन के मौके पर बधाई दी.
बीजेपी के विकास के सूत्रधार माने जाने वाले आडवाणी को जन्मदिन की बधाई देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, “उन्होंने (आडवाणी) अपने अथक प्रयासों से देशभर में पार्टी संगठन को मजबूत किया और सरकार का हिस्सा रहते हुए देश के विकास में भी अमूल्य योगदान दिया”. अमित शाह ने उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना की. वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आडवाणी को प्रेरणा स्रोत बताया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आडवाणी ने देश, समाज और पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उन्हें देश की दिग्गज हस्तियों में शुमार किया जाता है. अविभाजित पाकिस्तान के कराची शहर में 1927 में लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म हुआ. वह बहुत कम उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हो गए और बाद में जनसंघ के लिए काम किया. उन्होंने अपनी संगठनात्मक क्षमताओं के साथ अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की.

पूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहे लाल कृष्ण आडवाणी मंगलवार को यानी आज 95 वर्ष हो गये. पार्टी के नेताओं ने उन्हें जन्मदिन के मौके पर बधाई दी. आडवाणी को जन्मदिन की बधाई देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि उन्होंने (आडवाणी) अपने अथक प्रयासों से देश भर में पार्टी संगठन को मजबूत करने का काम किया है. उन्होंने सरकार का हिस्सा रहते हुए देश के विकास में भी अमूल्य योगदान दिया. अमित शाह ने उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना की.

वह 1980 में बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में रहे और कई दशकों तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ पार्टी का मुख्य चेहरा बने रहे. वाजपेयी सरकार में आडवाणी देश के गृह मंत्री रहे और बाद में उन्हें उप प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई.
एक प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में बीजेपी को स्थापित करने के लिए उन्होंने 1990 के दशक में राम जन्मभूमि आंदोलन को लेकर रथ यात्रा की. इस घटना को राष्ट्रीय राजनीति में एक युगांतकारी मोड़ के रूप में देखा जाता है जिसके बाद से बीजेपी लगातार मजबूत होती चली गई.