राष्ट्रराजनीति

तो क्या अध्यक्ष के पद से गहलोत हुए बाहर! दिल्ली नहीं जाना चाहते सीएम

जयपुर। राजस्थान में विधायकों की बगावत के बीच कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद को लेकर ही संकट पैदा हो गया है. अध्यक्ष पद के लिए नामांकन 30 सितंबर तक होना है. लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली जाने के मूड में नहीं हैं, जिसके बाद उनके नामांकन को लेकर पेच फंस गया है.

बताया यह भी जा रहा है कि गहलोत का नाम अब अध्यक्ष पद की रेस में नहीं है. दूसरी ओर कमलनाथ ने भी अध्यक्ष बनने से मना कर दिया. हालांकि पार्टी के शीर्ष पद के लिए दिग्विजय सिंह, मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे, कुमारी सैलजा और कुछ अन्य नामों को लेकर अटकलें जारी हैं. राजस्थान में 19 अक्टूबर तक यथास्थिति बरकरार रखी जाएगी. यानी जब तक कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं चुन लिया जाता तब तक गहलोत ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे.लेकिन हाईकमान इस वक्त धर्मसंकट में फंस गया है. क्योंकि राजस्थान में मुख्यमंत्री की लड़ाई गहलोत बनाम गद्दार पर आ गई है.

राजस्थान में घमासान तेज

राजस्थान कांग्रेस का सियासी घमासान इतना तेज हो गया है कि अब कांग्रेस आलाकमान सख्ती के मूड में दिख रहा है. गहलोत खेमे के विधायकों के बगावती तेवर को देखते हुए जयपुर गए दोनों पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन आज दोपहर 12 बजे तक सोनिया गांधी को रिपोर्ट देंगे.

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वहीं, अशोक गहलोत के समर्थक विधायक अब खुलकर अपनी बात रख रहे हैं. इनका सवाल है कि कांग्रेस से गद्दारी करने वाले को पुरस्कार कैसे दिया जा सकता है? निशाने पर सीधे-सीधे अजय माकन हैं जबकि विरोध सचिन पायलट का है.

गहलोत गुट बनाम पायलट गुट

सचिन पायलट को सीएम बनाए जाने का विरोध अकेले गहलोत के मंत्री शांति धारीवाल नहीं कर रहे हैं. बल्कि मंत्री महेश जोशी ने भी साफ कहा है कि नया सीएम उनमें से नहीं हो जिन्होंने कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश की है. गहलोत की इनपर आज भी मजबूत पकड़ है.

ऐसा नहीं है कि पायलट समर्थक खामोश हैं. राजस्थान सरकार के ही एक मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने शांति धारीवाल और महेश जोशी को आईना दिखाने की कोशिश की है.गुढ़ा ने कहा कि कांग्रेस का टिकट नहीं होता और गांधी नेहरू परिवार का नाम नहीं होता तो ये सरपंच का चुनाव भी नहीं जीत पाते.

सोनिया से मिले कमलनाथ

इस बीच एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की. हालांकि उन्होंने साफ कहा कि वो सोनिया गांधी को नवरात्रि की शुभकामनाएं देने आए थे. अब फैसला कांग्रेस आलाकमान यानी सोनिया गांधी और उनके खास सिपहसालारों को लेना है. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार कैसे बच सकती है सख्ती से या फिर सियासी सूझबूझ से. इसके अलावा, राजस्थान में सचिन पायलट को सीएम बनाने के लिए हवन भी किया गया है.

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