नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आने वाले समय में पानी की समस्या को दूर करने के लिए एक मोबाइल ऐप विकसित किया है, जिसके जरिए एक बड़ी समस्या का हल निकाला जाएगा. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय (Union Ministry of Rural Development) ने मोबाइल ऐप ‘जलदूत (Jaldoot App)’ को लॉन्च कर दिया है, जिससे ग्राम रोजगार सहायक मानसून से पहले और बाद में साल में दो बार चयनित कुओं के जल स्तर को माप सकेंगे.
कुओं के जल स्तर को मापने के लिए होगा इस्तेमाल
ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते (Faggan Singh Kulaste), साध्वी निरंजन ज्योति और पंचायत राज राज्यमंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने संयुक्त रूप से ऐप का शुभारंभ किया. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि किसी गांव में दो या तीन चयनित कुओं के जल स्तर को मापने के लिए देशभर में जलदूत ऐप (Jaldoot App) का इस्तेमाल किया जाएगा.
जलदूत ऐप (Jaldoot App) ग्राम रोजगार सहायक को साल में दो बार चयनित कुओं के जलस्तर को मापने में सक्षम बनाएगा. कुओं का जलस्तर मानसून से पहले और मानसून के बाद में चेक किया जाएगा. हर गांव में पर्याप्त संख्या के माप स्थानों का चयन करने की आवश्यकता होगी, जो उस गांव में भूजल स्तर के प्रतिनिधि होंगे.
जलदूत ऐप से क्या होगा फायदा?
जलदूत ऐप (Jaldoot App) पंचायतों को कुओं के जलस्तर की सही जानकारी और डेटा देगा, जिसका इस्तेमाल आगे कार्यों की बेहतर योजना के लिए किया जा सकता है. ऐप के आंकड़ों का उपयोग ग्राम पंचायत विकास योजना और महात्मा गांधी नरेगा योजनाओं में किया जा सकता है. इसके अलावा डेटा का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के रिसर्च और अन्य उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है.
देशभर में तेजी से गिर रहा ग्राउंड वॉटर लेवल
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में हर साल करीब 251 घन किलोमीटर भूजल निकाला जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद ग्राउंड वॉटर रिचार्ज पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और देश में भूजल का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. सबसे बड़ी चिंता की बात है कि देश के कई हिस्सों में भूजल दोहन तेजी से हो रहा है और इसे देखते हुए सरकार ने जलदूत ऐप (Jaldoot App) लॉन्च किया है.