पटना . बिहार में 75 फीसदी आरक्षण लागू हो गया है. बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों से पारित आरक्षण (संशोधन) विधेयक पर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर की मुहर लगने के साथ ही मंगलवार को सरकार ने गजट प्रकाशित कर इसे अधिसूचित कर दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि सभी विभाग आरक्षण के नए प्रावधान तत्काल लागू करेंगे.
इसके साथ ही सरकारी नौकरियों व शैक्षिक संस्थानों के नामांकन में आरक्षित वर्ग के कोटे में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है. यह 50 से 65 फीसदी पहुंच गया है. वहीं, अनारक्षित वर्ग के 35 फीसदी कोटा में 10 फीसदी सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए आरक्षित है.
जिन दो विधेयकों की गजट अधिसूचना जारी की गई है, उनमें बिहार (शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में) आरक्षण (संशोधन) अधिनियम 2023 और बिहार पदों एवं सेवाओं में आरक्षण (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लिए) (संशोधन) अधिनियम, 2023 शामिल हैं.
दायरा बढ़ाने की वजह सरकार का कहना है कि राज्य में जाति सर्वेक्षण के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि अवसर और स्थिति में समानता को पूरा करने के लिए पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बड़े हिस्से को बढ़ावा देने की जरूरत है. इन वर्गों के उत्थान के लिए संविधान के अंतर्गत साकारात्मक उपाय एवं अनेक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से अब तक के प्रयास नाकाफी हैं.