बदायूं में दो बच्चों की निर्मम हत्या के बाद मोहल्ले के बच्चे -बच्चे में रोष फैल गया। जिसके हाथ में जो भी लगा लेकर घटना स्थल की ओर दौड़ पड़ा। युवाओं ने सबसे पहले तो आरोपी के खोखे को तहस-नहस कर दिया। वहीं पुलिस चौकी के पास लगे खोखों को आग के हवाले कर दिया।
पुलिस मामले को संभाल पाती कि भीड़ ने पुलिस को पीछे हटने को मजबूर कर दिया। भीड़ ने सबसे पहले मंडी चौकी घेर ली। देखते ही देखते पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। एसएसपी आलोक प्रियदर्शी समेत पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। पुलिस जहां भीड़ को संभाल रही थी।
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वहीं परिजनों को कठोर कार्रवाई से लेकर फांसी की सजा दिलाने की बात भी कह रही थी। भीड़ ने आस-पास के चार खोखे आग के हवाले कर दिए। पुलिस प्रशासन एक तरफ आग बुझा रही थी वहीं भीड़ को काबू करने का काम भी पुलिस कर प्रशासन कर रहा था।
भीड़ के अंदर ऐसा रोष दिखा कि अगर पुलिस इतनी बड़ी संख्या में नहीं होती तो शायद कई दुकानें जल गई होती। पुलिस प्रशासन के साथ पैरामिलेट्री फोर्स भी मौके पर बुला ली गई। इसी के साथ जिले भर के थानों की पुलिस मौके पर बुला ली गई।अगर समय रहते पुलिस नहीं पहुंचती तो मोहल्ले में लगे रोड़ किनारे की सभी दुकानें युवा फूंक देते।
साजिद ने दो बच्चों की हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि उसके दो भाई घटना के समय घर के सामने सैलून चलाते थे। घटना के बाद मची अफरा-तफरी में कौन कहां भागा इसका किसी को पता भी नहीं है। लेकिन मोहल्ले के लोगों ने पुलिस को बताया कि सामने बनी दुकान में एक आरोपी बंद है।
इस दुकान को तोड़ने और उसमें आग लगाने पर लोग आमादा हो गए। पुलिस ने बवाल बचाने को दुकान को नहीं खोलने दिया। पुलिस ने परिजनों को आश्वासन दिया कि जो भी दोषी होगा उसको कठोर सजा दी जाएगी।
ठेकेदार विनोद ठाकुर ने मुख्य हत्यारोपी साजिद और उसके भाई जावेद के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है। एसएसपी आलोक प्रियादर्शी के मुताबिक तहरीर में हत्या की वजह स्पष्ट नहीं है लेकिन विनोद का कहना है कि दोनों हत्यारोपी मंगलवार शाम उनके घर आए। जावेद घर के बाहर बैठा रहा। पत्नी चाय बनाने गई कि साजिद ने दोनों बच्चों को छत पर लेजाकर हत्या कर दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर हत्या की धारा में रिपोर्ट दर्ज की है।
वारदात के बाद गुस्साए लोगों ने पुलिस चौकी घेर ली थी। चौकी फूंकने के लिए पेट्रोल भी डाल दिया था। भीड़ को शक था कि आरोपी पुलिस चौकी में मौजूद है। भीड़ के गुस्से को देखते हुए पुलिस ने मझिया रोड पर वाहनों का आवागमन रोक दिया। इससे पुलिस चौकी के पास जाम लग गया।
पुलिस ने जैसे-तैसे भीड़ को चौकी से हटाया। इसके बाद भीड़ घटना स्थल पर पहुंच गई और हंगामा करने लगी। पुलिस ने जैसे-तैसे भीड़ पर काबू पाया। इस बीच लोगों की पुलिस से तीखी नोकझोंक भी हुई। पुलिस को डंडे भी फटकारने पड़े।
अपर पुलिस महानिदेशक पीसी मीना, आईजी राकेश कुमार, एसएसपी आलोक प्रियदर्शी घटना के बाद मौके पर पहुंच गए। शहर विधायक महेशचंद्र गुप्ता भी विनोद ठाकुर के घर पहुंचे और परिवार को ढांढ़स बंधाया। अधिकारियों ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही।
आपको बता दें कि बदायूं की बाबा कॉलोनी में मंगलवार रात करीब आठ बजे ठेकेदार विनोद ठाकुर के दो बेटों आयुष (13) और अहान (6) की धारदार हथियार से निर्मम हत्या कर दी गई। जिस जगह वारदात हुई वह मंडी समिति पुलिस चौकी से सिर्फ 500 मीटर दूर है।
आरोपियों के दूसरे समुदाय के होने से गुस्सा भड़क उठा। जाम लगाकर हंगामा करते हुए दूसरे समुदाय के तीन खोखों में आग लगा दी। इसके बाद पुलिस ने आरोपी साजिद को मौके से करीब दो किमी. दूर पुरानी चांदमारी के पास घेराबंदी कर मुठभेड़ में ढेर कर दिया। उसके दो साथियों की तलाश की जा रही है। पुलिस हत्या की वजह पता कर रही है।
जानकारी के अनुसार, बाबा कॉलोनी में मजिया रोड के रहने वाले ठेकेदार ‘हर घर जल योजना’ के तहत ओवरहेड टैंक का निर्माण कराते हैं। उनके मकान के सामने ही कस्बा सखानू के रहने वाले साजिद की बाल काटने की दुकान है। विनोद की पत्नी संगीता अपने मकान के निचले हिस्से में ब्यूटी पार्लर चलाती हैं।
इसके चलते दोनों परिवारों के काफी अच्छे संबंध थे। साजिद का उनके घर आना-जाना भी था। मंगलवार रात संगीता तीन बच्चों आयुष, अहान और पीयूष (8) के साथ घर पर थीं, जबकि विनोद लखीमपुर खीरी गए हुए थे। साजिद शाम चार बजे दुकान बंद करके चला गया था।
साजिद रात आठ बजे अपने दो साथियों के साथ आया तो संगीता उनके लिए चाय बनाने अंदर को चली गईं। तभी साजिद उनके दो बेटों आयुष और अहान को अपने साथ ऊपर ले गया। साथ ही, पीयूष से पानी लाने के लिए कहा। जब तक वह पानी लेकर ऊपर पहुंचा तब तक साजिद ने धारदार हथियार से आयुष और अहान की हत्या कर दी।
सामने आए पीयूष पर भी चाकू से वार किया तो वह चीखता हुआ नीचे भागा। पीयूष के पीछे साजिद भी दौड़ा तो यह देख मां ने शोर मचाया। शोर सुनकर आसपास के लोग दौड़े और मां-बेटे को बाहर खींचकर दरवाजा बंद कर दिया।
सूचना पर पहुंची पुलिस साजिद की तलाश में जुट गई। इस बीच आसपास के लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए। नृशंस हत्या देख उनका गुस्सा बढ़ने लगा। इधर आक्रोशित भीड़ ने साजिद की दुकान तोड़कर सामान निकाला और सड़क पर रखकर फूंक दिया। आसपास के चार दुकानों को आग के हवाले कर दिया। लोग एक समुदाय के धर्मस्थल तक पहुंच गए लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया।
आगजनी के बाद गुस्साए लोग पुलिस चौकी पहुंच गए। वहां घेराव कर नारेबाजी करने लगे। सूचना पर एसएसपी पहुंचे और अन्य अफसरों के साथ मिलकर उन्हें समझाया। क्षेत्र में हालात नियंत्रण के लिए भारी पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात कर दिया। बाद में खबर मिली कि साजिद को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया।
वारदात के बाद हालात बेकाबू होते देख एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने पुलिस को शहर के सभी बाजार बंद कराने के निर्देश दिए। इस पर पुलिस ने शहर भर की दुकानें बंद करा दीं। पुलिस को डर था कि कहीं मामला और ज्यादा न भड़क जाए, लेकिन पुलिस की सूझबूझ ने स्थिति बिगड़ने से बचा ली।