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विश्व के सर्वश्रेष्ठ नगरों में एक होगी अयोध्या

अयोध्या. पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु की पहली मोक्षदायिनी पुरी, संहिताओं के अनुसार प्रभु श्रीराम का साक्षात स्वरूप और आगमों के अनुसार धरती का बैकुंठ कही जाने वाली अयोध्या अपने नवसृजन के साथ अप्रतिम स्वरूप लेने वाली है. जन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर में रामलला के विराजमान होने के साथ ही परंपराओं, लोक आस्थाओं और मान्यताओं को आधुनिक अपेक्षाओं में संवारने का उपक्रम अयोध्या में युद्ध स्तर पर चल रहा है. स्थानीय नागरिक इस आनंद और आश्चर्य से भरे हैं कि अयोध्या को उसके पूरे महत्वबोध के साथ विकसित किया जा रहा है.

शास्त्रत्तें के मुताबिक अयोध्या मां सरयू के आंचल में बारह योजन की लंबाई और तीन योजन की चौड़ाई में बसी है. यह मान्यता भी है कि अयोध्या सहस्रधारा तीर्थ से एक योजन पूरब और एक योजन पश्चिम तक की लंबाई और तमसा नदी तक की चौड़ाई में स्थित है, जिस कारण इसे मत्स्याकृति पुरी कहा गया है. पिछले दिनों अयोध्या आगमन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में 15,700 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करके इसी भौगोलिक क्षेत्र को नया स्वरूप देने की आधारशिला रखी. 70 एकड़ से भी बड़े परिसर में भव्य राम मंदिर के निर्माण के साथ ही 821.34 एकड़ में महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और 10,650 वर्ग मीटर में अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का नवीन भवन बनकर तैयार हो चुका है. एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग में कुल 500 यात्रियों के आवागमन की सुविधा है तो रेलवे स्टेशन पर कुल 50 हजार यात्रियों का आवागमन हो सकता है.

चार पथ बने नई पहचान

अयोध्या में बने चार पथ उसे नई पहचान दे रहे हैं. इन पथों पर भव्य प्रवेश द्वार भी बनाए गए हैं. सुग्रीव किला से श्रीरामजन्मभूमि मंदिर तक लगभग 0.566 किलोमीटर के श्रीरामजन्मभूमि पथ, अयोध्या मुख्य मार्ग से हनुमानगढ़ी होते हुए श्रीरामजन्मभूमि तक 0.742 किलोमीटर के भक्ति पथ, अयोध्या में एनएच 27 से नयाघाट पुराने पुल तक बने दो किलोमीटर के धर्म पथ और सआदतगंज से नयाघाट तक 12.94 किलोमीटर के राम पथ से रामनगरी को नई पहचान मिली है. इन चारों पथों पर आकर्षक फसाड लाइटें लगाकर सुंदरीकरण कराया गया है. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के अलावा खुद स्थानीय नागरिक भी इन मार्गों के मौजूदा स्वरूप से चकित हो जाते हैं. शांति स्मारक पीजी कॉलेज रुदौली के प्रबंधक रणजीत सिंह मानते हैं कि ये चारों पथ अयोध्या के विकास को नया आयाम देने वाले नगर में हैं.

छह ओवरब्रिज दूर करेंगे जाम की समस्या

रामनगरी में होने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बनाए जाएंगे. एनएच-27 से राम पथ तक 638.44 मीटर लंबे चार लेन के रेल उपरिगामी सेतु (आरओबी) के अलावा पंचकोसी मार्ग पर बड़ी बुआ रेलवे क्रॉसिंग पर 844.44 मीटर लंबे दो लेन के आरओबी, एनएच-30 पर दर्शन नगर के निकट 614.11 मीटर लंबा चार लेन का आरओबी, चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग पर सूर्यकुंड के निकट 675 मीटर लंबा दो लेन का आरओबी तथा अयोध्या-अकबरपुर मार्ग पर 793.95 मीटर लंबा आरओबी निर्माणाधीन है.

मल्टीलेवल पार्किंग व व्यावसायिक संकुल से बढ़ेगा रोजगार

अयोध्या के विकास को गति देने और दैनिक जीवन की जटिलताओं को दूर करने के लिए मल्टीलेवल पार्किंग व व्यावसायिक संकुल के अलावा वाहन पार्किंग स्थल भी बनाए गए हैं. अयोध्या में कौशलेस कुंज में 1075 वर्ग मीटर में वाहन पार्किंग एवं दुकानों का निर्माण कराया गया है, जिसमें बेसमेंट के साथ तीन तल हैं. इसमें 38 दुकानें, कार्यालय, कम्युनिटी हाल, 200 बेड की डारमेट्री, 19 कार पार्किंग व 38 टू व्हीलर पार्किंग की व्यवस्था है. अरुंधती पार्किंग व व्यावसायिक संकुल का निर्माण 3420 वर्ग मीटर में कराया गया है, जो बेसमेंट के साथ पांच तल का है. अरुंधती (महर्षि) पार्किंग व व्यावसायिक संकुल 4127 वर्ग मीटर में बना है, जिसमें बेसमेंट के साथ पांच तल हैं. पंचकोसी मार्ग पर सात प्रमुख स्थलों और चौदहकोसी परिक्रमा मार्ग पर 13 प्रमुख स्थलों पर विश्राम गृह, शौचालय, खान-पान की सुविधा विकसित की गई है.

सरयू नदी के नयाघाट से लेकर लक्ष्मणघाट तक सुंदरीकरण

अयोध्या में सरयू नदी से नयाघाट से लक्ष्मणघाट तक पर्यटन सुविधाओं का विकास एवं सुंदरीकरण कार्य कराया गया है. यह कार्य 31 मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. अयोध्या के 15 वार्डों में 3652 डेकोरेटिव पोल एवं हेरिटेज लाइट की स्थापना की गई है. समेकित ट्रैफिक मैनेजमेंट प्रणाली (आईटीएमएस) के तहत स्मार्ट एवं सेफ सिटी प्रोजेक्ट लागू करके अयोध्या के 22 चौराहों का चौड़ीकरण करके उन्हें यातायात प्रबंधन की आधुनिक तकनीकी से जोड़ा गया है. श्रीराम सिंह गुलेरिया पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शीलवंत सिंह इसे अयोध्या का पुनर्निर्माण बताते हैं. वह कहते हैं कि यह नया स्वरूप अब अयोध्या का चिर स्थाई चेहरा होने वाला है.

प्रतिदिन 30 हजार श्रद्धालुओं के रुकने की व्यवस्था होगी

अयोध्या में प्रतिदिन 30 हजार श्रद्धालुओं के रुकने की व्यवस्था बनाई गई है. इसके लिए होटल, धर्मशाला, गेस्ट हाउस, होम स्टे, पेइंग गेस्ट, टेंट सिटी, आश्रय स्थल और डॉरमेट्री आदि का प्रबंध है. वर्तमान में 60 होटलों में 40 कमरों के हिसाब से 7200 पीपीडी (पर्सन पर डे) को रोका जाएगा. इसी तरह 171 धर्मशालाओं व गेस्ट हाउस में 17 हॉल व 2742 कमरों की अनुमानित व्यवस्था है. इन 2742 कमरों में चार लोगों तथा 17 हॉल में पांच लोगों के ठहरने की व्यवस्था के अनुरूप माना जा रहा है कि 11818 पीपीडी रामनगरी में रुककर दर्शन-पूजन कर सकते हैं. होम स्टे-पेइंग गेस्ट योजना के तहत भी अयोध्या में काफी कार्य हो चुका है. फिलहाल यहां 570 संपत्तियां इसके लिए तैयार हो चुकी हैं. प्रतिदिन 4400 लोगों के रुकने की व्यवस्था है. इसी तरह सरकारी स्तर पर 200-200 लोगों की व्यवस्था वाली दो टेंट सिटी तथा तीन आश्रय स्थलों में 5400 लोगों के रुकने की व्यवस्था बनाई गई है.

लता चौक बना नया आकर्षण

योगी सरकार ने 105.65 करोड़ रुपये से जीर्णोद्धार कराकर राम की पैड़ी को भव्य स्वरूप दिया है. राम की पैड़ी के कारण अयोध्या के प्रसिद्ध पुरातन मंदिरों में शुमार नागेश्वर नाथ मंदिर, चंद्रहरि मंदिर, विष्णु हरि मंदिर व सरयू मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ गई है. राम की पैड़ी के सरयू चैनल में पंप हाउसेस इंस्टॉलेशन के जरिए भव्य फाउंटेन भी लगाया गया है जो आकर्षक रोशनी, साज-सज्जा व साउंड सिंक्रोनाइजेशन के जरिए भव्य व सुकूनमय आभा प्रदान करता है. पूर्व पार्षद रमेश दास कहते हैं कि पहले श्रद्धालुओं में मंदिरों में दर्शन-पूजन और सरयू घाट जाने का ही आकर्षण रहता था. अब वे राम की पैड़ी के नए स्वरूप और नयाघाट पर बने लता चौक पर भी अपना समय बिताते हैं.

दुनिया की सबसे महंगी जमीन मक्का में

दुनिया की सबसे महंगी जमीन मक्का में है. मस्जिद अल-हरम के आसपास जमीन की कीमत एक लाख डॉलर प्रति स्क्वायर मीटर है. यानी एक स्क्वायर मीटर जमीन की कीमत 70 लाख भारतीय रुपये के बराबर है. मक्का की जमीन न्यूयॉर्क से छह गुना महंगी है, जबकि दुनिया में इसके बाद सबसे महंगी जमीन मोनाको के मोंटी कारलो में है, जहां करीब 40 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर में जमीन है.

10,650 वर्ग मीटर में बने अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन से 50 हजार यात्रियों का अवागमन हो सकेगा

30,000 श्रद्धालुओं के प्रतिदिन रुकने की व्यवस्था होगी. इसके लिए होटल, धर्मशाला, गेस्ट हाउस, होम स्टे, पेइंग गेस्ट, टेंट सिटी, आश्रय स्थल और डॉरमेट्री का प्रबंध है.

 

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