कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप के मामले में छत्तीसगढ़ अव्वल

रायपुर. छत्तीसगढ़ में पिछले चार वर्षों में युवाओं का रुझान खेतीबाड़ी के स्टार्टअप की ओर बढ़ा है. दरअसल, केंद्र सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत मिल रहे अनुदान से युवाओं का हौसला निरंतर बढ़ रहा है. प्रदेश से वर्ष 2019 में 24, 2020 में 19 व 2021 में 20 युवाओं का अभिनव और उद्भव दोनों योजनाओं में चयन हुआ है.

 हम कृषि के क्षेत्र के बड़े स्टार्टअप की बात करें तो अमलीडीह रायपुर निवासी उमेश बंशी की आर्गा लाइफ कंपनी लोगों तक प्रमाणित जैविक उत्पाद पहुंचा रही है. कंपनी के अब रायपुर में दो और एक मुंबई में भी है. वह देश के 200 प्रगतिशील किसानों से जुड़े हैं व उनके उत्पादों के विपण्न के साथ ही उन्हें जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करते हैं. उमेश ने ब्रांड मैनेजमेंट में स्पेशलाइजेशन देश की जानीमानी मुद्रा इंस्टीट्यूट अहमदाबाद से किया है. वे उद्भव कार्यक्रम में दो महीने के प्रशिक्षण पर हैं. उन्हें 25 लाख रुपये मिलेंगे. वे बताते है कि आर्गा लाइफ छत्तीसगढ़ का पहला आर्गेनिक एफएमसीजी ब्रांड है. जो अब न केवल रायपुर बल्कि मुंबई में भी शुरू हो चुका है. हालांकि उपभोक्ता एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के माध्यम से भी कंपनी के प्रोडक्ट खरीद सकते है. उमेश कहते है कि इन दिनों लोग आर्गेनिक प्रोडक्ट को फैशन के रूप में इस्तेमाल करते है. लेकिन इसके असली फायदें को जानने के बाद लोग इसे रोजाना डे टू डे लाईफ से भी जुड़ जाएंगे.

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वे सरकार की इन योजनाओं की भी तारिफ करते नहीं थकते जिसमें इन योजनाओं में युवाओं की सोच को प्रोत्साहित किया जाता है. बता दें कि आर्गा लाइफ का एक स्टोर राम मंदिर वीआईपी रोड के सामने और एक शंकर नगर में कान्हा हॉस्पिटल के पास मौजूद है. इसके अलावा कंपनी मैन्यूफैक्चरिंग में भी है. कंपनी यूनिक प्रोडक्ट है जो आयुर्वेद से प्रेरित है उसमें गुड पान, गुड पाचक समेत अन्य प्रोडक्ट मौजूद है. वहीं कंपनी का विजन है, आने वाले 5 सालों में संपूर्ण भारत में अपने फ्रैंचाइजी स्टोर खोले, इसके लिए कंपनी ने अपना एफोर्टेबल यूनिक फ्रेंचायजी मॉडल तैयार किया है, जो काफी पसंद किया जा रहा है. बता दें कि कंपनी के फाउंडर उमेश बंसी जिनको ब्रांडिंग और मार्केटिंग में 20 वर्षों का अनुभव है.

दो भाइयों ने मिलकर खड़ी कर दी कंपनी

सिमगा के दो भाइयों अमृत और आनंद नाहर के जोरको स्टार्टअप ने प्रदेश के किसानों के खास उत्पाद काला चावल, अर्जुन की छाल, महुआ के लड्डू आदि को गुजरात के बाजार तक पहुंचाया. इस साल कंपनी का टर्नओवर 1.2 करोड़ रुपये है. उन्हें उद्भव योजना के तहत 25 लाख रुपये का अनुदान मिला है. पर्यावरण इंजीनियर अमृत नाहर ने 2020 में कोरोना काल में अपने भाई के साथ कंपनी शुरू की थी. पहले एनर्जी बूस्टर उत्पाद लाए। अब जैविक उत्पाद के क्षेत्र में काम कर रहे हैं.

मुनगा की पत्तियों से शुरू किया स्टार्टअप

रायपुर के देवपुरी निवासी मैकेनिकल इंजीनियर सुधांशु नाफडे (30) ने मुनगा (सहजन) की पत्तियों से नया स्टार्टअप शुरू किया. उन्होंने मुनगे की पत्तियों से परंपरागत तरीके से मुनगा पाउडर, मुनगा के बीज का तेल, टेबलेट, एनर्जी बार, कैप्सूल आदि बनाया जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ कुपोषण दूर करने में उपयोगी हैं. उनसे 250 किसान जुड़े हैं. उद्भव योजना में उनका 25 लाख रुपये का अनुदान स्वीकृत हुआ है. अब सुधांशु मशीन से उत्पाद बनाएंगे.

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