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महाराष्ट्र कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। मंगलवार को 121 नए मामले सामने आए। राज्य में मरीजों की संख्या 2455 पर पहुंच गई है। राज्य में मरने वालों का आंकड़ा 162 तक पहुंच गया है। मुंबई में मरने वालों की तादाद 100 के पार पहुंच गई है। देश में लगायी गयी लॉक डाउन 14 अप्रैल को समाप्त होने वाली थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को घोषणा की कि लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया।
इसी वजह से मुंबई के बांद्रा पश्चिम रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की भिड़ देखी गयी थी जो घर वापस जाने की उम्मीद कर रहे थे।रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन लोगों का कहना है कि हमारे पास खाने को कुछ नहीं है। हमें अपने गांव वापस जाने दिया जाए। भिड़ जमा होने का मुख्य कारण यह था कि वे सभी मंगलवार को तालाबंदी हट जाने की उम्मीद कर रहे थे।
पुलिस प्रशासन इन लोगों को समझाने की काफ़ी कोशिश कर रहा थी। भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। स्टेशन पर इकट्ठा हुए लोग ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर थे, जो 25 मार्च को सरकार द्वारा देशव्यापी तालाबंदी के बाद से कमाई करने में सक्षम नहीं हैं।
बांद्रा विधायक जीशान सिद्दीकी ने बताया कि “हर कोई यह वापस लौटने की अपील कर रहा था और भीड़ लगभग पूरी तरह से फैल चुकी थी।” उन्होंने यह भी कहा की “यह जानना बहुत ज़रूरी है की इतने लोग यह एक साथ इकट्ठा कैसे हुए थे।”
आदित्य ठाकरे ने भी इस के बारे में ट्वीट कर कहा की “बांद्रा स्टेशन की मौजूदा स्थिति जो है, यहां तक कि सूरत में भी दंगे हो रहे है।यह संघ सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए घर वापस जाने के रास्ते की व्यवस्था करने में सक्षम नहीं होने का एक परिणाम है। वे भोजन या आश्रय नहीं चाहते, वे घर वापस जाना चाहते हैं।
यह भिड़ बांद्रा स्टेशन पर लग भाग 2 घंटे से भी ज़्यादा थी पर पुलिस ने अब इस स्थिति पर क़ाबू पा लिया है।