बृजभूषण सिंह पर आखिरकार दिल्ली पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने कनॉट प्लेस थाने में दो एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें एक पोक्सो एक्ट के तहत है. प्राथमिकी सात महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों में दर्ज की गई है. सुप्रीम कोर्ट में पुलिस की ओर से यह जानकारी शुक्रवार को दी गई.

दूसरी ओर, जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों ने कहा कि वे तब तक यहां डटे रहेंगे, जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं हो जाती. शुक्रवार को जैसे ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई, दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ को बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. ऐसे में अब याचिका का निस्तारण कर दिया जाए.

मेहता ने कहा, वे सीधे सुप्रीम कोर्ट आ गए हैं, जबकि उन्हें एफआईआर दर्ज नहीं होने पर सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत मजिस्ट्रेट कोर्ट में जाना चाहिए था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले को अपने पास रखने का फैसला किया और अगली सुनवाई पांच मई तक स्थगित कर दी.

पहलवानों की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कोर्ट को एसआईटी बनाकर जांच करनी चाहिए, क्योंकि सिंह अपराधी हैं. उन पर 40 से ज्यादा संगीन (हत्या समेत) केस दर्ज हैं. वहीं, पीठ द्वारा पीड़ितों को सुरक्षा देने के आदेश में मेहता ने कहा कि उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.

इस बीच, खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने लेह में पहलवानों के विरोध प्रदर्शन पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, मैं खुद पहलवानों से मिलने गया था. जांच के लिए समिति बनाई गई. उसमें अधिक महिला सदस्यों को शामिल किया गया, ताकि बिना झिझक अपनी समस्याएं साझा कर सकें.

कुछ गलत नहीं किया

बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, न्यायपालिका के फैसले का सम्मान करता हूं. दिल्ली पुलिस को जांच मिली है. जांच में सहयोग के लिए तैयार हूं. उन्होंने कहा कि मुझे अपने कर्म पर भरोसा है कि किसी के साथ मैंने कोई गलत नहीं किया है.

विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा

बृजभूषण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने पर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने ‘जीत की ओर पहला कदम’ करार दिया. हालांकि उन्होंने कहा कि वे भाजपा सांसद को उनके सभी पदों से हटाए जाने तक अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखेंगे.

हम मामले की निगरानी नहीं करना चाहते. आप एफआईआर पर क्या कार्रवाई करेंगे, अगली सुनवाई पर बताएं. इस मामले के नाबालिग पीड़ितों को सुरक्षा मुहैया करवाएं.

-सुप्रीम कोर्ट

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