
सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विशेष आवश्यकता वाले बच्चे (सीडब्ल्यूएसएन) और दिव्यांग छात्र भी भारत स्काउट एवं गाइड का हिस्सा बनेंगे. छात्रों की शारीरिक क्षमताओं के हिसाब से उनका अलग-अलग गतिविधियों के लिए चयन किया जाएगा. दिव्यांग बच्चों में समावेशी प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा निदेशालय ने यह पहल की है.
इसको लेकर निदेशालय की समावेशी शिक्षा शाखा द्वारा जारी सर्कुलर में दिशा-निर्देश दिए गए हैं. अभी स्काउट एवं गाइड के लिए पश्चिमी-बी, दक्षिण पश्चिमी बी-1, दक्षिण पश्चिमी-2, उत्तर-पूर्वी-1 और दक्षिण पूर्वी और मध्य/नई दिल्ली जिले के सरकारी स्कूलों के छात्र पंजीकरण कर सकेंगे.
निदेशालय के अनुसार, प्रत्येक छात्र की क्षमता और दिव्यांग श्रेणी की गंभीरता के स्तर के आधार पर स्काउट एवं गाइड के लिए पंजीकरण किया जाएगा. स्कूल स्तर पर एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें स्कूल प्रमुख सहित तीन सदस्य होंगे. समिति छात्रों का गहन मूल्यांकन सुनिश्चित करेगी. सरकारी स्कूलों में भारत स्काउट एवं गाइड के तहत सीडब्ल्यूएसएन इकाई होगी.
सह-शिक्षा वाले स्कूलों में दिव्यांग छात्रों के लिए दो इकाई होंगी. जबकि प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक में बच्चों की दिव्यांग इकाई होगी. प्राथमिक कक्षा के छात्रों को शावक (लड़के) और बुलबुल (लड़कियां) के तौर पर जाना जाएगा. इसके अलावा माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के छात्र स्काउट एवं गाइड के तौर पर जाने जाएंगे.