राज्यों के चुनाव में इंडिया की एकजुटता पर संशय

‘इंडिया’ के घटक दलों के बीच पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में गठबंधन पर संशय है. चुनाव आयोग अक्तूबर के पहले हफ्ते में चुनाव तिथियों का ऐलान करने की तैयारी कर रहा है, पर घटकदलों के बीच विधानसभा में सीट बंटवारे को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है. कांग्रेस, समाजवादी और आम आदमी पार्टी सहित सभी पार्टियां अकेले चुनाव लड़ने का दम भर रही हैं.
आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान में दस-दस गारंटियों का भी ऐलान किया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दोनों प्रदेशों में कई रैली और जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं. वहीं, दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी मध्य प्रदेश में अपनी ताकत का आकलन कर रही है. सपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम कांग्रेस के साथ गठबंधन पर चर्चा कर रहे हैं, पर सीट बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों के बीच सहमति नहीं बन पाई है.
विधानसभा चुनाव मे इंडिया गठबंधन के घटकदलों के चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस बहुत परेशान नहीं है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए तैयार हैं. किसी पार्टी का प्रदेश में कोई अस्तित्व नहीं है, इसके बावजूद वह दस सीट मांगती है, तो गठबंधन मुश्किल है. आम आदमी पार्टी को पिछले चुनाव में बेहद कम वोट मिले थे. ऐसे में आम आदमी पार्टी की इन राज्यों के चुनाव में कोई दावेदारी नहीं बनती है.
वर्ष 2018 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़ में 85, मध्य प्रदेश में 208 और राजस्थान में 142 और तेलंगाना में 41 सीट पर चुनाव लड़ा था. इतने उम्मीदवार होने के बावजूद पार्टी कोई भी सीट जीतने में विफल रही थी. इसी तरह समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश में 52 सीट पर चुनाव लड़ा था और एक सीट पर जीत मिली थी.