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Gopashtami 2023: आज गोपाष्टमी के दिन करें गौ माता की पूजा

गोपाष्टमी का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार यह तिथि 20 नवंबर को सुबह 5 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 21 नवंबर को सुबह 3 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 20 नवंबर को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन ध्रुव योग बन रहा है जो कि सुबह से लेकर रात 8 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. इसलिए दिन में कभी भी पूजा-पाठ या दान आदि किया जा सकता है. क्योंकि ध्रुव योग को पूजा-पाठ के लिए बेहद ही शुभ मुहूर्त माना गया है.

गोपाष्टमी पूजन विधि
गोपाष्टमी का त्योहार हिंदू धर्म में बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि इस दिन गौ माता का पूजन किया जाता है. कहते हैं कि गौ माता में सभी देवी-देवताओं का वास होता है. गोपाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर मंदिर को स्वच्छ करें. फिर मंदिर में गाय माता की बछड़े के साथ एक तस्वीर लगाएं और उसके समक्ष घी का दीपक जलाएं. साथ ही धूपबत्ती भी करें और पुष्प अर्पित करें.

इस दिन गाय को अपने हाथों से हरा चारा खिलाना चाहिए और उनके चरण स्पर्श करने चाहिए. संभव हो तो गोपाष्टमी के दिन गाय को चारे के साथ ही गुड़ का भी भोग लगाएं. ऐसे करना शुभ माना गया है और इससे मनुष्य को सूर्य दोष से मुक्ति मिलती है. यदि आस-पास गाय का मिलना मुश्किल है तो किसी गौशाला में जाकर चारा दान करें और गायों की सेवा करें.

गोपाष्टमी पर करें इस मंत्र का जाप
अगर आप अपनी कुंडली में सूर्य दोष से परेशान हैं तो उन्हें इस मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए. ऐसा करने से जीवन में कभी सूर्य दोष नहीं लगेगा.

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सुरभि त्वं जगन्मातर्देवी विष्णुपदे स्थिता, सर्वदेवमये ग्रासं मया दत्तमिमं ग्रस,
तत: सर्वमये देवि सर्वदेवैरलड्कृते, मातर्ममाभिलाषितं सफलं कुरु नन्दिनी!!

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