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सरकार अगले दो-तीन वर्षों में सभी व्यवसायों के लिए ‘व्यवसाय से उपभोक्ता’ (बी2सी) लेनदेन पर इलेक्ट्रॉनिक या ई-बिल जारी करना अनिवार्य कर सकती है.
वर्तमान में पांच करोड़ रुपये और उससे अधिक के कारोबार वाली कंपनियों का ‘व्यवसाय से व्यवसाय’ (बी2बी) बिक्री व खरीद के लिए ई-बिल जारी करना अनिवार्य है. सरकार बी2सी लेनदेन के लिए ई-बिल अनिवार्य करने की योजना बना रही है.केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के सदस्य-जीएसटी शशांक प्रिया ने कहा कि जीएसटी प्रणालियों को उन्नत बनाने और बी2सी (व्यवसाय से उपभोक्ता) लेनदेन के लिए ई-बिल अनिवार्य करने पर काम जारी है.
एसोचैम के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, हम बी2सी के लिए ई-बिल की आवश्यकता पर विचार कर रहे हैं. हमें जीएसटीएन क्षमताओं को बढ़ाने की जरूरत है. इसके लिए जल्द प्रणाली तैयार करनी होगी.
हमें यह देखना होगा कि वे कौन से क्षेत्र हैं जहां से इसकी शुरुआत की जा सकती है. हमें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में हम इसे आगे ले जाने में सक्षम होंगे.
10 करोड़ वाले भी नहीं जारी कर रहे ई-बिल उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि पांच से 10 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाले व्यवसाय भी पूरी तरह से ई-बिल जारी नहीं कर रहे हैं. हालांकि सीबीआईसी अधिकारी अनुपालन न करने वाले व्यवसायों पर अंकुश लगा रहे हैं.
केंद्रीय कर अधिकारियों ने वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 में दाखिल रिटर्न में विसंगतियों और करों के कम भुगतान के लिए पंजीकृत व्यवसायों को करीब 33,000 जीएसटी नोटिस भेजे हैं. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि राजस्व सचिव की अध्यक्षता में राज्य तथा केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों की राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक इस महीने के अंत या जनवरी की शुरुआत में होने की संभावना है. इसमें कर अधिकारियों को ऐसे नोटिस से निपटने के लिए मार्गदर्शन किया जाएगा.