केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बारामूला में एक जनसभा को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि जैसे ही चुनाव आयोग का मतदाताओं की सूची बनाने का काम खत्म होगा, पूरी ताकत से चुनाव होंगे. आपके द्वारा चुने गए नुमाइंदा शासन करेंगे. पहले के परिसीमन में 3 परिवार के लोग ही चुनकर आते थे. चुनाव आयोग ने जो परिसीमन किया है उसमें आपके नुमाइंदे ही शासन करेंगे. अमित शाह ने कहा- ‘जिन्होंने यहां 70 साल राज किया वे मुझे पाकिस्तान से बात करने की सलाह देते हैं. मेरा स्पष्ट मत है कि मैं पाकिस्तान से बात नहीं करना चाहता. मैं बारामूला, कश्मीर के युवाओं से बात करना चाहता हूं. आज देश के सभी राज्य आगे बढ़ रहे हैं कश्मीर को भी देश के साथ चलना है.’ भाषण के दौरान पास की मस्जिद में अजान शुरू हो गई. अमित शाह ने अजान की आवाज सुनते ही अपने भाषण को कुछ देर के लिए रोक दिया. उन्होंने कहा, ‘मुझे अभी चिट्ठी मिली है कि मस्जिद में अभी समय हुआ है प्रार्थना का, अब समाप्त हो गया है.’ कुछ समय बाद उन्होंने जनता से ही पूछकर मंच से दोबारा अपनी बात रखना शुरू किया. उन्होंने पूछा, ‘मैं चालू करूं क्या फिर से, जरा जोर से बोलो चालू करूं भाई.’
जम्मू-कश्मीर में शाह की सुरक्षा के लिए मंच पर बुलेट प्रूफ ग्लास लगाया गया था. अब मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बारामूला में भाषण शुरू करने से पहले ही उन्होंने ग्लास हटवा दिया था. हालांकि, उन्होंने पहली बार ऐसा नहीं किया. खबर है कि इससे पहले भी वह मंच से बुलेट प्रूफ ग्लास हटवा चुके हैं.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करती है और वह इसका अंत और सफाया करना चाहती है ताकि यह भारत का स्वर्ग बना रहे. अमित शाह ने कहा, हम जम्मू कश्मीर को देश की सबसे शांतिपूर्ण जगह बनाना चाहते हैं. गृह मंत्री ने कहा कि कुछ लोग अक्सर पाकिस्तान के बारे में बात करते हैं लेकिन वह जानना चाहते हैं कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के कितने गांवों में बिजली कनेक्शन हैं.
उन्होंने कहा, हमने पिछले तीन सालों में सुनिश्चित किया है कि कश्मीर के सभी गांवों में बिजली कनेक्शन हों. तीन राजनीतिक परिवारों का नाम लेकर उन पर बरसते हुए गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि उनका शासनकाल कुशासन और भ्रष्टाचार से भरा हुआ था और उन्होंने विकास नहीं किया. उन्होंने आरोप लगाया, मुफ्ती और कंपनी, अब्दुल्ला और बेटों और कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर के लोगों के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया.