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जी 20 सम्मेलन में वसुधैव कुटुंबकम् की छाप

नई दिल्ली. जनभागीदारी, भारत के प्रति अद्भुत जिज्ञासा का भाव और समग्र, समेकित एजेंडा के साथ वसुधैव कुटुंबकम् का मंत्र दिल्ली में आयोजित जी 20 की भव्यता की बुनियाद बना है. इसी उत्साह की बुनियाद से भारत को सम्मेलन में मौजूदा चुनौतियों पर व्यापक चर्चा के बाद सफल दिल्ली घोषणा की उम्मीद भी जगी है. देशभर में जी 20 आयोजनो की शृंखला से डेढ़ करोड़ लोग किसी न किसी तरीके से जुड़े हैं. एक तरह से जनभागीदारी के जरिए यह भव्य सम्मेलन बना है.

125 देशों के एक लाख विजिटर जी20 अध्यक्षता के दौरान हमें 125 से अधिक देशों से कुल एक लाख विजिटर मिले और उनमें से कई के लिए यह एक नए भारत की खोज रही है. जी 20 को जमीनी स्तर तक ले जाने के लिए सभी तरह के प्रयास किए गए हैं. चाहे वह जी20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट हो, जी 20 मॉडल स्कूल क्विज हो, या पेंटिंग प्रतियोगिता, व्यापक भागीदारी देखने को मिली है. आठ हजार कलाकार इन आयोजनों में शामिल हुए.

वसुधैव कुटुंबकम् का भाव छाया सभी कार्यक्रमों में वसुधैव कुटुंबकम् यानी पूरी धरती एक परिवार है का भाव प्रमुख रहा है. सभी जगहों पर जी20 की थीम एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य को आधार बनाकर आगे बढ़ने का प्रयास किया गया. मुख्य समन्वयक हर्षवर्धन शृंगला ने कहा, जी 20 को हमारे देश में लोकप्रिय बनाया गया है और जमीनी स्तर पर ले जाया गया है.

दिसंबर 2022 से शुरू हुआ था सिलसिला भारत ने 1 दिसंबर 2022 को जी 20 की अध्यक्षता संभाली और हम 30 नवंबर, 2024 को अपनी अध्यक्षता समाप्त करेंगे. अध्यक्षता के दौरान, देश भर के 60 अलग-अलग शहरों में 220 से अधिक जी 20 बैठकों की मेजबानी की गई है.

शृंगला ने कहा, जी20 की अध्यक्षता हमारे देश और हमारे नागरिकों के लिए आर्थिक लाभ लाएगी.

विभिन्न विषयों पर बना खाका अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन पर्यटन, सुरक्षा, शिक्षा सहित अलग अलग विषयों पर चर्चा और भविष्य की रणनीति का ब्लू प्रिंट तैयार किया गया. जिसके आधार पर दो दिन दुनिया के शीर्ष नेता आगे का खाका बनाएंगे.

सहकारी संघवाद का उदाहरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते थे कि जी 20 का आयोजन हमारी साख का मामला है और हमारे लिए एक बड़ा अवसर है. इसलिए इसकी गूंज देश के हर कोने तक पहुंचनी चाहिए. जी20 अध्यक्षता के दौरान भारत ने ग्लोबल साउथ और उन देशों की आवाज मुखर करने का प्रयास किया जिनकी बात अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अनकही रह जाती है.

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